वैज्ञानिकों ने एक गुप्‍त नाजी बेस खोज निकाला है, जिसे जर्मन तानाशाह के आदेश पर बनवाया गया था। उत्‍तरी ध्रुव से 1,000 किलोमीटर दूर स्थित यह रहस्‍यमयी स्‍थान दशकों से ‘शाटग्रैबर’ या ‘ट्रेजर हंटर’ के नाम से जाना जाता रहा है। लेकिन आर्कटिक वृत्‍त के अलेक्‍जेंड्रा द्वीप पर स्थित इस स्‍थान का सही पता-ठिकाना किसी को नहीं पता था। अब रूस की सीमा में आने वाले सुनसान द्वीप में रिसर्चर्स को 500 से ज्‍यादा अवशेष मिले। इनमें ध्‍वस्‍त बंकर, पेट्रोल कनस्‍तर और कागजी दस्‍तावेज भी मिले हैं, जो कि द्वीप के बर्फीले वातावरण की वजह से अभी तक सुरक्षित हैं। माना जा रहा है कि इसे सीधे हिटलर के आदेश पर रूस पर आक्रमण करने के साल भर बाद, 1942 में बनवाया गया था। यह 1943 से सेवा में था, मगर द डेली एक्‍सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई 1944 में सप्‍लाई की कमी से जूझ रहे कर्मचारियों को जबरदस्‍ती कच्‍चा पोलर बियर का संक्रमित मांस खिलाकर मार डाला गया था। रशियन आर्कटिक नेशनल पार्क के वरिष्‍ठ शोधकर्ता एवगेनी अर्मोलोव ने कहा, ”अभी तक इसका सिर्फ लिखित रूप में जिक्र मौजूद था, मगर अब हमारे पास सबूत भी हैं।”

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रिसर्चर्स को यहां से गोलियां, टेंट का मलबा और जूते जैसी निजी चीजें मिली हैं, जिनपर तारीख लिखी है स्‍वास्तिक बना हुआ है। नेशनल पार्क प्रेस सेक्रेट्री यूलिया पेट्रोवा ने कहा, ”सितंबर 1943 से जुलाई 1944 तक, फ्रांज जोसेफ लैंड के अलेक्‍जेंड्रा द्वीप पर बने ट्रेजर हंटर जर्मन स्‍टेशन की जमीन से ऐतिहासिक महत्‍व की करीब 500 वस्‍तुएं सहेजी गई हैं।”

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कुछ दिन पहले, एक जर्मन लेखक नॉर्मन ओहलर ने अपनी किताब में दावा किया था कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हिटलर के अजीबो गरीब फैसलों के पीछे उसकी ड्रग्स की लत एक बड़ा कारण थी। नॉर्मन के मुताबिक हिटलर हेरोइन जैसे एक ड्रग ‘यूकोडोल’ का लती था। साल 1944 में नर्वस ब्रेरडाउन के चलते हिटलर को यह ड्रग प्रिस्क्राइब किया गया था। इसके बाद निरंतर इस्तेमाल से वह इस ड्रग का लती हो गया। ओहलर ने अपनी नई किताब ‘ब्लिट्ज: ड्रग्स इन नाजी जर्मनी’ में यह दावा किया है। ओहलर का इस किताब को ब्रिटेन में काफी सराहा जा रहा है। ब्रिटिश अखबार द टेलेग्राफ ने इस किताब को ‘असाधारण’ बताया। साल 1944 में हिटलर के ब्रीफकेस में बम रख दिया गया था।