कैलिफोर्निया और न्यूयॉर्क समेत अमेरिका के 16 राज्यों के अटॉर्नी जनरलों ने आव्रजन पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शासकीय आदेश की निंदा करते हुए इसे ‘असंवैधानिक’ बताया और इसके खिलाफ लड़ने का संकल्प जाहिर किया है। शरणार्थियों एवं सात मुस्लिम बहुल देशों के लोगों के अमेरिका में आने पर नए रिपब्लिकन राष्ट्रपति द्वारा रोक लगाए जाने के दो दिन बाद 16 राज्यों के अटॉर्नी जनरलों ने इसके विरोध में रविवार (29 जनवरी) को एक संयुक्त बयान जारी किया है। अमेरिका के 16 राज्यों के ये अटॉर्नी जनरल डेमोक्रेटिक हैं और ये 16 राज्य एक तिहाई अमेरिकी आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं। बयान के अनुसार, ‘हमारे राज्यों की 13 करोड़ अमेरिकी जनता और विदेशी निवासियों के प्रमुख कानूनी अधिकारी होने के नाते हम राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस असंवैधानिक, गैर अमेरिकी और गैरकानूनी शासकीय आदेश की निंदा करते हैं।’
अटॉर्नी जनरलों ने अपील की है कि संघीय सरकार संविधान का पालन करे, प्रवासियों के देश के तौर पर हमारे इतिहास का सम्मान करे और किसी के राष्ट्रीय मूल या आस्था की वजह से किसी को गैरकानूनी तरीके से निशाना न बनाया जाए, यह सुनिश्चित करने के लिए मिलजुल कर काम करें। बयान के अनुसार, अटॉर्नी जनरलों ने इस बात पर जोर दिया कि कई संघीय अदालतों ने ट्रंप के आदेश के कुछ हिस्सों पर रोक लगाई है और वे (अटॉर्नी जनरल) ‘इस असंवैधानिक आदेश के खिलाफ लड़ने के लिए कार्यालयों के सभी साधनों का उपयोग करेंगे और अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा और बुनियादी मूल्यों की रक्षा करेंगे।’ उन्होंने अंतत: अदालतों द्वारा इस आदेश को रद्द किए जाने का भरोसा भी जताया।
इससे पहले सात मुस्लिम बहुल देशों के लोगों के अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध के शासकीय आदेश का बचाव करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जोर देकर कहा कि ‘यह प्रतिबंध मुस्लिमों पर नहीं है’ जैसा कि मीडिया द्वारा गलत प्रचार किया जा रहा है। ट्रंप ने शुक्रवार (27 जनवरी) को उस आदेश पर हस्ताक्षर किए थे जिसके चलते सीरिया के शरणार्थियों समेत छह अन्य देशों के लोगों के अमेरिका में प्रवेश पर पाबंदी लग गई। उनके इस कदम की खासी आलोचना हुई। इन सात देशों में इरान, ईराक, लीबिया, सूडान, यमन, सीरिया और सोमालिया हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि यह मुस्लिमों पर प्रतिबंध नहीं है जैसा कि मीडिया गलत प्रचार कर रहा है। यह धर्म के बारे में भी नहीं है। यह आतंकवाद और हमारे देश को सुरक्षित रखने को लेकर है। दुनिया भर में 40 से अधिक देश मुस्लिम बहुल हैं जो इस आदेश से प्रभावित नहीं होंगे।
ट्रंप ने कहा अमेरिका जब आश्वस्त हो जाएगा कि अगले 90 दिनों में यहां सर्वाधिक सुरक्षित नीतियां लागू हो चुकी हैं और उनकी समीक्षा की जा चुकी है तब सभी देशों के लोगों के लिए वीजा फिर से जारी किए जाने लगेंगे। उन्होंने एक वक्तव्य में कहा, ‘सीरिया में भयावह मानवीय संकट से जूझ रहे लोगों के प्रति भी मेरी भावनाएं हैं लेकिन मेरी सर्वप्रथम प्राथमिकता हमेशा ही हमारे देश की सुरक्षा और सेवा रहेगी। हालांकि राष्ट्रपति होने के नाते मैं उन पीड़ित लोगों की मदद करने के तरीके भी खोज निकालूंगा।’ अमेरिका को प्रवासियों का एक गौरवान्वित राष्ट्र बताते हुए ट्रंप ने कहा कि देश दमन के शिकार और इससे बचकर भाग रहे लोगों के प्रति दया दिखाता रहेगा लेकिन वह ऐसा अपने नागरिकों और सीमा की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए करेगा।

