नए संविधान का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों और नेपाल पुलिस के बीच भारत-नेपाल सीमा के पास हुई झड़पों में एक शीर्ष मधेसी नेता सहित 16 लोग जख्मी हो गए। शनिवार को विराटनगर में हुई पुलिसिया कार्रवाई में सद्भावना पार्टी के अध्यक्ष राजेंद्र महतो जख्मी हो गए। भारत-नेपाल सीमा के पास जोगबनी-विराटनगर इलाके में मधेसी प्रदर्शनकारी जब रानी कस्टम पॉइंट की नाकेबंदी करने की कोशिश कर रहे थे, उस वक्त पुलिस ने दखल दिया और फिर दोनों के बीच झड़प हो गई। पुलिस की ओर से प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज और आंसूगैस के गोले छोड़े जाने पर महतो को सिर और सीने में चोटें आईं। इस घटना में दो अन्य कार्यकर्ता भी जख्मी हुए।

सद्भावना पार्टी उन चार प्रमुख मधेसी पार्टियों में से एक है जो पिछले चार महीने से यूनाइटेड डेमोक्रेटिक मधेसी फ्रंट के बैनर तले दक्षिणी नेपाल के जिलों में प्रदर्शन कर रहे हैं। नए संविधान का विरोध कर रहे मधेसियों की मांग है कि उन्हें ज्यादा प्रतिनिधित्व दिया जाए। वे सात प्रांतों वाली संरचना के तहत अपने मूल प्रांत के बंटवारे का भी विरोध कर रहे हैं। इन प्रदर्शनों से भारत से लगे व्यापार बिंदुओं पर नाकेबंदी जारी है। बाद में महतो के खिलाफ पुलिसिया कार्रवाई के मुद्दे पर राजविराज और जनकपुर में विभिन्न जगहों पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए।

जनकपुर के रामचौक में मधेसी कार्यकर्ताओं और सुरक्षाकर्मियों के बीच हुई झड़प में 12 प्रदर्शनकारी और एक पुलिसकर्मी जख्मी हो गए। मधेसी संगठन घटना में शामिल सुरक्षाकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
इस बीच, प्रदर्शनकारी मधेसी कार्यकर्ताओं ने दक्षिणी नेपाल के बारा जिले के परवानीपुर चौक में कांतिपुर नेशनल डेली नाम के अखबार की गाड़ी को आग के हवाले कर दिया ।