इराक के पूर्वी प्रांत दियाला के एक बाजार में इस्लामिक स्टेट के हमले में महिलाओं और बच्चों समेत 115 लोगों की मौत हो गई। इस हमले से पूरे देश में गुस्सा है। पिछले एक दशक में हुआ यह सबसे भीषण हमला है।
पीड़ितों में ज्यादातर शिया मुसलमान हैं, जो रमजान का पाक महीना खत्म होने के बाद यहां एकत्र हुए थे। इराक में शिया मुसलमानों के लिए रमजान कल खत्म हुआ है जबकि सुन्नी मुसलमानों के लिए एक दिन पहले।
पुलिस ने बताया कि खान बेनी साद में शुक्रवार रात भीड़ भरे बाजार में विस्फोटकों से लदे छोटे ट्रक को उड़ा दिया गया। इससे सारी खुशियां मातम में बदल गईं। चारों ओर लोगों के अंग पड़े हुए थे। हमले में कम से कम 170 लोग घायल हुए हैं। एक पुलिस अधिकारी ने पहचान गुप्त रखने की शर्त पर यह जानकारी दी क्योंकि उसे मीडिया को सूचना देने का अधिकार नहीं है।
हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट (आइएस) ने ली है। समूह से जुड़े ट्विटर अकाउंट पर उसने इस संबंध में बयान जारी किया है। इराकी संसद के अध्यक्ष सलीम अल-जबुरी ने कहा कि शनिवार को हुए हमले ने गलत साम्प्रदायिक राग छेड़ दिया है। सरकार दियाला में सुरक्षा को अस्थिर करने के दाएश के आतंकवादी प्रयासों को विफल करने का प्रयास कर रही है। आइएस को अरबी में दाएश कहा जाता है।
इराक में संयुक्त राष्ट्र मिशन के विशेष प्रतिनिधि जान कुबीस का कहना है, ‘यह भीषण नरसंहार वास्तव में सभ्य व्यवहार की सभी सीमाओं से परे है।’