एयर एशिया विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के पीछे के रहस्यों पर से परदा उठाने के लिए अहम ब्लैक बॉक्स मिलने में एक सप्ताह लग सकता है। इंडोनेशिया के एक अधिकारी ने गुरुवार को यह बात कही। वहीं, जावा समुद्र में विमान का मलबा और शवों को बरामद करने के लिए खोजकर्ताओं को वक्त के साथ खराब मौसम से भी बड़ी मुश्किल पेश आ रही है।

इंडोनेशिया के परिवहन सुरक्षा कमेटी के सदस्य एंटोनिअस टूज सेंटिओसो ने कहा कि पंगकलां बुन में मौसम इसी तरह खराब रहा तो 162 लोगों के साथ उड़ान भरने वाले एयरबस ए 320-200 का मलबा तलाशना आसान नहीं होगा। टूज ने कहा, विमान के रिकार्डर की बरामदगी में करीब एक सप्ताह लग सकता है और यह तब हो सकेगा जब समुद्र इसी तरह शांत स्थिर रहे और कोई अन्य बाधा नहीं हो। उन्होंने कहा कि विमान के रिकार्डर बरामदगी से पहले विमान का पता लगाना होगा और अभी भी इस बारे में संदेह है कि विमान समुद्र में असल में किस जगह दुर्घटनाग्रस्त हुआ था।

सुरबाया, इंडोनेशिया से उड़ान भरने के बाद रविवार को यह विमान लापता हो गया था। सुबह के समय जावा समुद्र के ऊपर साफ आसमान रहने से विमान का मलबा तलाशने को लेकर उम्मीद बढ़ गई थी। लेकिन, कुछ घंटे के भीतर ही मौसम का मिजाज फिर बिगड़ गया। एक अन्य खोज और बचाव अधिकारी एस बी सुप्रियादी ने बताया कि दोपहर में मौसम बिगड़ गया। भारी बारिश के कारण हेलिकॉप्टर उड़ान नहीं भर पाए, लेकिन जहाजों का अभियान जारी रहा।

पांगकलां बुन में खोज और बचाव संयोजक सुनारबोवो सांदी ने बताया कि उन्हें उम्मीद है कि गोताखोर उस स्थान को खोज निकालेंगे जहां मलबा है। सांदी ने कहा, मुमकिन है कि शव विमान के मलबे में हों। लिहाजा, अब चुनौती मौसम से मुकाबले की है। विमान कंपनी के प्रमुख टोनी फर्नांडीस ने ट्वीट किया, मुझे उम्मीद है कि ताजा सूचना सही है और विमान मिल गया है।

मलेशिया की नौसेना के प्रमुख अब्दुल अजीज जाफर ने एक ट्वीट में कहा कि मलबा तलाशी का इलाका दोगुना कर 13,500 वर्ग समुद्री मील कर दिया गया है। विमान के मलबे को चिह्नित करने के लिए सिंगापुर की नौसेना ने पानी के भीतर एक मानव रहित वाहन को तैनात किया है जो समुद्र के भीतर मलबे और ब्लैक बॉक्स की खोज करेगा। वहीं, इंडोनेशिया ने एक खास यंत्रों वाले जहाज और निजी सर्वेक्षण जहाज को काम पर लगाया है। धातु का पता लगाने वाले विमानों को भी तैनात किया गया है।

इंडोनेशिया वायु सेना के प्रवक्ता रीयर मार्शल हादी जाहजानतो ने संवाददाताओं से कहा, ‘हम विमान का मलबा बरामद करने पर फोकस कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा, एक विमान से वहां पर काली छाया जैसी कुछ नजर आई थी, लेकिन अभी तक यह साबित नहीं हो पाया है कि यह मलबा ही है।

पांगकलां बुन तट से करीब 70 किलोमीटर दूर समुद्र से आज सुबह एक और शव बरामद किया गया। अब तक कुल आठ शवों को निकाला जा चुका है।

विमान में 155 यात्री थे, जिसमें ब्रिटेन, मलेशिया और सिंगापुर का एक-एक, दक्षिण कोरिया के तीन और इंडोनेशिया के 149 नागरिक थे। चालक दल के सात सदस्यों में छह इंडोनेशिया के और सह पायलट फ्रांस का नागरिक था। यात्रियों में 17 बच्चे थे।

यह रहस्य अभी भी बना हुआ है कि विमान का हवाई यातायात संपर्क क्यों टूट गया और इसके बाद क्या हुआ। सिंगापुर ने अलग से एक पानी के भीतर चलने वाला वाहन तैनात किया है जो समुद्र के भीतर जायजा ले रहा है। सिंगापुर से एक अन्य जहाज एमवी स्विफ्ट रेस्कयू भी तलाशी वाले क्षेत्र में पहुंच चुका है और इसने अभियान शुरू कर दिया है। इंडोनेशिया के अधिकारियों ने बताया कि इसकी संभावना ज्यादा है कि विमान का ब्लैक बॉक्स और विमान का मलबा वहीं हो जहां पर जहाजों को काम में लगाया गया है। ब्लैक बॉक्स से सिग्नल को पकड़ने की कोशिश के लिए जहाज एक अंडरवाटर टेलीफोन का प्रयोग शुरू करेगा।

खोज और बचाव अभियान कमांडर एयर वाइस मार्शल सुनारबोवो ने कहा कि पानी के भीतर के वाहन में एक ध्वनि यंत्र है और इसकी क्षमता 100 वर्ग मीटर तक खंगालने की है। वाहन से ध्वनि यंत्र द्वारा पता लगाई गई चीजों की तस्वीरें ली जाती है। उन्होंने कहा, चीजों की तस्वीरें एक स्क्रीन पर दिखाई जाती है और उसका प्रारूप नजर आने लगता है। वस्तुएं और समुद्र का पानी अलग अलग रंगों में दिखता है। बहरहाल, जापान ने भी खोज अभियान में सहायता की पेशकश की है। इस बहुराष्ट्रीय अभियान में दो विध्वंसक पोत और तीन हेलिकॉप्टरों के जुड़ने की उम्मीद है।

इंडोनेशिया ने 84 खोज बचाव टुकड़ियों (एसआरयू) को तैनात किया है। 14 एसआरयू को मलेशिया, सिंगापुर और ऑस्ट्रेलिया की ओर से लगाया गया है। खबरों के मुताबिक, चीन, दक्षिण कोरिया और अमेरिका की खोज टीम के भी जावा समुद्र में अभियान से जुड़ने की उम्मीद है।

भारी बारिश, तेज हवाओं और हल्की धुंध की वजह से बुधवार को तलाशी का सीमित काम ही हो पाया था। ‘द स्टार’ की खबर में कहा गया है कि बरामद हुए शव में एक की पहचान ऑस्ट्रेलिया के मोनाश विश्वविद्यालय के एक छात्र के तौर पर हुई है।

अखबार ने मलेशियाई नौसेना के हवाले से कहा है कि शव के साथ मिले पर्स से छात्र की पहचान हुई। अगर वह जिंदा होता तो आज 21 साल का हो जाता। बहरहाल, दो शवों की पहचान एक किशोर और एक वयस्क महिला के तौर पर हुई है। एयर एशिया के एक अधिकारी ने बताया कि पहचाने जा चुके शवों को संबंधित पीड़ितों के परिजन को सौंप दिया जाएगा।