केंद्र सरकार ने जैसे ही बीते सोमवार (07-01-2019) को आर्थिक रुप से पिछड़े सवर्णों को सरकारी नौकरी और उच्च शिक्षा में 10 प्रतिशत आरक्षण देने का ऐलान किया वैसे ही सरकार के इस निर्णय पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। मोदी सरकार के इस फैसले की चर्चा सिर्फ सियासी गलियारे में ही नहीं हो रही है। सोशल मीडिया पर भी लोग सरकार के इस फैसले को लेकर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कई लोग सरकार के इस फैसले का मजाक भी बना रहे हैं। ट्विटर पर कोई यह कह कर मजाक उड़ा रहा है कि ‘इससे राहुल पीएम बन जाएंगे’ तो कोई यह कह कर व्यंग्य कर रहा है कि ‘यह तो मोदी का एक और मास्टर जुमला है।’ट्विटर पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के कई तरह के MEMES भी बनाए जा रहे हैं। कोई उन्हें गरीब जनेऊ धारी ब्राह्रमण बता रहा है तो कोई केंद्रीय कैबिनेट के इस फैसले को लॉलीपॉप बता रहा है।
एक यूजर ने चुटकी लेते हुए ट्विटर पर लिखा कि ‘अब से भविष्य में कोई पुल गिरेगा तो उसके लिए आरक्षण उत्तरदायी नहीं होगा, बल्कि पूरी गलती सीमेंट, बालू, गिट्टी की गुणवत्ता की होगी! क्यों मित्रों’ एक यूजर ने मोदी समर्थकों के मजे लेते हुए लिखा, ‘भक्तों की यात्रा… पहले कहते थे आरक्षण खत्म कर देना चाहिए। अब कहते हैं सवर्णों को आरक्षण देना मोदी सरकार का ऐतिहासिक कदम है।’
10 percent reservation approved by Union Cabinet for economically weaker upper caste sections
opposition & congress members reaction js now #Reservation pic.twitter.com/byH5ltFKNZ
— Freaky ~ DRaval (@HODL_till_2140) January 7, 2019
बता दें कि इधर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी केंद्र सरकार के इस फैसले पर भड़क गए हैं और उन्होंने कहा है कि आरक्षण का मकसद दलितों के साथ अतीत में हुई नाइंसाफी को सुधारना है। आरक्षण सिर्फ न्याय के लिए है, संविधान आपको आर्थिक आधार पर आरक्षण देने की इजाजत नहीं देता।
इधर सरकार के इस फैसले पर आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार का समर्थन किया है। पार्टी ने कहा है कि इसके लिए संविधान में संशोधन करना होगा और सरकार अब विशेष सत्र बुलाए वरना यह सिर्फ एक जुमला साबित होगा। हालांकि कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे पर सीधे-सीधे सरकार का समर्थन करने या उसका विरोध करने से बच रही है। पार्टी ने मोदी सरकार के इस फैसले को चुनावी हथियार करार दिया है।