जो लोग रात में देर से सोते हैं और सुबह देर से जागते हैं। किसी मजदूर को या जरुरतमंद को सताने में पीछे नहीं हटते हैं। माता-पिता का आदर नहीं करते हैं, किसी भी इंसान का पैसा हड़पने में देर नहीं लगाते, अमावस्या के दिन भी मांस मदिर का सेवन करते हैं। ऐसा करने वाले लोगों को शनि की समस्या का सामना करना पड़ता है। जो लोग घर कि पश्चिम दिशा को गंदा रखते हैं, घर का मुख्य द्वार पश्चिम दिशा का है और उसके आसपास आप गंदगी रखते हैं। जो लोग असहाय लोगों का मजाक उड़ाते हैं, घर के नौकर, नौकरानी का समय पर पैसा नहीं देते हैं। उनकी कुंडली में शनि भारी हो जाती है।
शनि की पूजा करते हुए क्या सावधानियां बरतें – शनिदेव की पूजा हमेशा सूर्यादय से पहले करें या सूर्यास्त के बाद करें। शनिदेव की पूजा हमेशा साफ सुथरे कपड़े पहन कर और नहा धोकर ही करें। शनिदेव की पूजै पाठ में हमेशा सरसों के तेल या तिल के तेल का प्रयोग करें। शनिदेव की पूजा हमेशा शांत मन से करें। पूजा में काले या नीले रंग के आसन का इस्तेमाल करें, हो सके तो शनि की पूजा पीपल के पेड़ के नीचे करें।
नौकरी, व्यापार में है तो परेशानी तो करें ये उपाय – ऊं शं शनैश्चराय नम: मंत्र का शाम को सूर्यास्त के बाद 3 माला रुद्राक्ष की माला से जाप करें, ऐसा लगातार 40 दिन तक करें।
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बीमार रहते हैं तो करें ये उपाय – शनिवार के दिन सूर्य उदय होने से पहले उठें, नहा धोकर साफ कपड़े पहनें। पीपल के पेड़ के नीचे तिल के तेल का दीया जरूर जलाएं। प्रतिदिन एक अच्छा काम करने की आदत डाल लें, इससे शनि आपसे नाराज नहीं होंगे।
शनि के 10 चमत्कारी नाम – कोणस्थ, पिंगल, बभ्रु, कृष्ण, रौद्रान्तक, अंतक, शौरी, शनेश्चर, यम, पिप्पलाद। शनिदेव के इन 10 नामों को सूर्य उदय होने से पहले पढ़ें, काले या नीले आसन पर बैठकर तिल के तेल का दीया जलाएं। पश्चिम दिशा की तरफ मुंह करें, लगातार 11 बार इन नामों का जाप करें।
