राशिफल 2018 के अनुसार वृश्चिक राशि के लिए अक्टूबर के बाद से अच्छे दिनों की शुरुआत होगी। भाग्य आपके साथ है, कार्य-स्थल पर पदोन्नति की संभावना है, साथ ही सैलरी में वृद्धि भी होगी। व्यापार में निवेश के लिए समय उपयुक्त नहीं है। मेहनत अधिक करनी होगी। काम के सिलसिले में बहुत सारी यात्राएँ करनी पड़ सकती हैं। इस्पात, स्टील, ब्यूटी, कपड़ों और आयात-निर्यात से संभंधित कारोबार में आपको बेहतर लाभ प्राप्त होगा। विदेशी कारोबार से जुड़े हैं तो बेहद ही लाभदायक होगा। वित्तीय मामलों में अक्टूबर के महीने में ख़ास ऐहतियात बरतनी होगी, किसी को उधार या क़र्ज़ देते समय सावधान रहें। अक्टूबर के बाद आय के कुछ नए स्रोत भी पैदा होंगे, घर या ज़मीन ख़रीद सकते हैं।
वैवाहिक जीवन में ख़ुशियों की बारिश होगी, साल रोमांस भरपूर रहेगा। रिश्तों में इस दौरान रिश्तो में मधुरता देखने को मिलेगी, एक-दूसरे के साथ हसीन पल बिताने के मौक़े मिलेंगे। अगर आप साथी की तलाश में हैं तो समय अनुकूल है। बच्चों में एकाग्रता की कमी रहेगी। बैंकिंग और इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए विदेश जाने वाले विद्यार्थियों के लिए समय उपयुक्त है। सेहत के मामले में यह साल थोड़ा नाजुक रह सकता है। जनवरी से लेकर मार्च तक आपको बेहद ही सतर्क रहने की ज़रूरत है, जोड़ों में दर्द, आँखों में दिक्कत और पेट में संक्रमण के कारण समस्या हो सकती है, इस के बाद आपकी सेहत सुधर जाएगी। माता जी की सेहत की देखभाल ज़रूरी होगा। परिवार के साथ आप किसी धार्मिक स्थल की यात्रा पर जा सकते हैं। सामाजिक दायरा बढ़ेगा और नए लोगों से आपके संपर्क भी स्थापित होंगे।
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राशि स्वामी: मंगल | शुभ रत्न: मूंगा | शुभ रुद्राक्ष: तीन मुखी रुद्राक्ष | शुभ दिशा: दक्षिण
वर्ष 2018 को अच्छा बनाने के उपाय:
– प्रति दिन सुबह हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।
– मंदिर में मिठाई दान करें, हनुमान जी को चोला चड़ाए ।
– नियमित रूप से भगवान शिव की पूजा करें। भगवान शिव का रुद्राभिषेक करें।
– गर्दन में भारंगी की जड़ धारण करें।
– ललाट पर केसर का तिलक करें ।
– बरगद के पेड़ की जड़ मे दूध चढ़ाएँ।
– अपने घर में लाल पुष्प वाले पौधे या पेड़ लगा कर उनकी देखभाल करनी चाहिए।
– हमेशा एक लाल रंग रूमाल या नैपकिन ले।
– रात को सर के पास पानी रखकर सोएं और इस जल को सुबह पेड़ में डाल दें।
– दूध, गुड़ और चावल का मंदिर में दान करें।
– मीठा खाएं और दूसरों को भी खिलाएं तथा अतिथि सत्कार में पानी की जगह शरबत या दूध पिलाएं।
– कुष्ठ रोगियों की सेवा करनी चाहिए।
– शाम को खाने के बाद कुत्ते को रोटी देन और सुबह की शुरूआत मां के चरण स्पर्श करके करे।