हिंदू धर्म में ज्योतिष शास्त्र का विशेष महत्व है। ज्योतिष में राशियों को खास स्थान दिया गया है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, व्यक्ति की कुंडली में उसकी राशियों की दशा से काफी कुछ निर्धारित होता है। इसीलिए हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले तमाम लोग ज्योतिष के हिसाब से ही कार्य करना पसंद करते हैं। हिंदू धर्म में शादी-विवाह से पहले वर और वधु की राशियों के मिलन पर खास जोर दिया जाता है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, कुछ ऐसी राशियां हैं जिनके जातकों के बीच शादी करना सही रहता है। इसके साथ ही उन राशियों का भी जिक्र है जिनके जातकों के बीच होने वाली शादी लंबे समय तक टिक नहीं पाती। आज हम इसी बारे में विस्तार से बात करेंगे। इसके अलावा यह जानने का भी प्रयास होगा कि ज्योतिष शास्त्र में किन तर्कों के आधार पर कुछ खास राशि के जातकों के बीच शादी करने को मना किया गया है।
मेष और कर्क राशि: ज्योतिष शास्त्र में मेष और कर्क राशि के जातकों के बीच शादी करने को मना किया गया है। दरअसल मेष राशि वालों का स्वाभाव व्यवहारिक जबकि कर्क वालों का इमोशनल होता है। इसलिए इनके बीच की शादी या प्रेम संबंध लंबे समय तक नहीं टिक पाता। सिंह और वृषभ: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सिंह राशि के लोग रिस्की प्रवृत्ति के होते हैं। वहीं, वृषभ वाले सिक्योर लाइफ जीना पसंद करते हैं। इसलिए इनके बीच शादी या प्रेम संबंध होना ठीक नहीं रहता है।
[jwplayer PBp2LEd4-gkfBj45V]
वृश्चिक और मेष: वृश्चिक और मेष दोनों ही राशि के जातक स्वतंत्र स्वभाव के होते हैं। ऐसे में ये किसी तरह का बंधन पसंद नहीं करते है। ऐसी दशा में इनकी शादी अधिक समय तक नहीं चल पाती। मिथुन और कन्या: ज्योतिष शास्त्र में मिथुन और कन्या के बीच शादी करने को सही नहीं ठहराया गया है। दरअसल मिथुन राशि के जातक असमंजस की स्थिति से घिरे रहते हैं। वहीं, कन्या राशि वाले काफी शीघ्र निर्णय लेते हैं। ऐसे में इनकी शादी लंबे समय तक नहीं चल पाती।