हिंदू धर्म में पूर्वजन्म की मान्यता है। इस मान्यता के अनुसार, व्यक्ति का वर्तमान जीवन काफी हद तक उसके पूर्वजन्म से प्रभावित होता है। व्यक्ति को अपने वर्तमान जीवन में सुख-दुख का सामना उसके पूर्वजन्म के कृत्यों की वजह से करना पड़ता है। ऐसी मान्यता है कि इस जन्म में किए गए अच्छे-बुरे कामों का फल अगले जन्म में भी मिलता है। इसी हिसाब से व्यक्ति को वर्तमान जीवन में पूर्वजन्म के कर्ज का सामना करना पड़ता है। ज्योतिष शास्त्र में इसे विस्तार से समझाया गया है। इसके मुताबिक दवा लेने के बावजूद बीमारी का ठीक ना होना पूर्वजन्म के कर्ज की वजह से होता है। कई बार कुछ लोगों को बिना कोई नशा किए ही कैंसर जैसे बीमारियों का सामना करना पड़ जाता है। यह सब पूर्वजन्म के कर्ज की वजह से ही होता है। आइए जानते हैं कि पूर्वजन्म के कर्ज और उनसे मुक्ति पाने के लिए अपनाए जाने वाले टोटकों को बारे में।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पूर्वजन्म के बुरे कृत्यों की वजह से व्यक्ति को कई प्रकार के ऋणों का सामना करना पड़ता है। इनमें से ही एक है कलत्र ऋण। कलत्र ऋण शुक्र और राहु के संयोग से बनता है। ऐसा पूर्वजन्म में अपने पारिवारिक दायित्वों का पालन सही ढंग से नहीं करने की वजह से होता है। इसके चलते वर्तमान जीवन में व्यक्ति को पारिवारिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कलत्र ऋण से छुटकारा पाने के लिए शुक्र मंत्रों का जाप करना चाहिए। इसके अलावा शिव और गौरी की संयुक्त रूप से पूजा करने पर भी इससे मुक्ति मिलती है।
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व्यक्ति को पूर्वजन्म ऋण के तहत अज्ञात ऋण का भी सामना करना पड़ता है। यह ऋण राहु ग्रह के प्रभाव से आता है। अज्ञात ऋण होने पर व्यक्ति को मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उसे अपनी सुरक्षा को लिए भय बना रहता है। इससे मुक्ति पाने के लिए शनिवार को कंबल का दान करना चाहिए। इन्हीं में से एक है जीव ऋण। यह ऋण जीव-जन्तुओं की हत्या करने की वजह से होता है। इससे छुटाकारा पाने के लिए शनिवार को कुत्ते को रोटी खिलानी चाहिए।
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