हल्दी एक विशेष प्रकार की औषधि है जिसमें दैवीय गुण पाए जाते हैं। हिंदू धर्म में हल्दी को शुभ और मंगल लाने वाला माना जाता है। ये ना केवल खाने के स्वाद को बढ़ाती है बल्कि जीवन में संपन्नता लाती है। मुख्य रुप से हल्दी विषरोधक होती है और नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करती है। इसलिए हल्दी का प्रयोग हवन और औषिधियों में भी किया जाता है।
हल्दी का ज्योतिषी महत्व – हल्दी कई रंगों की होती है, इन्हीं रंगों के आधार पर इसका ग्रहों से संबंध होता है। हल्दी पीले, नारंगी और काले रंग की होती है। पीली हल्दी बृहस्पति से संबंध रखती है, नारंगी मंगल से और काली शनि से संबंध रखती है। ज्योतिष में बृहस्पति को मजबूत करने के लिए हल्दी का प्रयोग किया जाता है। बृहस्पति संबंधी समस्याओं के निवारण के लिए पीली हल्दी का प्रयोग किया जाता है।
इस तरह करें इस्तेमाल – भोजन में संतुलित मात्रा में हल्दी का प्रयोग व्यक्ति को आरोग्यवान बनाता है। महिलाएं अगर सूर्य को हल्दी मिलाकर जल अर्पित करें तो विवाह संबंधी परेशानी दूर होती है। अगर पेट या कैंसर जैसी समस्या हो तो हल्दी का दान लाभकारी होता है। रोज सुबह हल्दी का तिलक लगाने से व्यक्ति को वाणी शक्ति मिलती है। हल्दी की माला से मंत्र जाप किया जाए तो व्यक्ति बहुत बुद्धिमान हो जाता है।
बृहस्पति को मजबूत करने का उपाय – गांठ वाली पीली हल्दी ले ले, इसे पीले धागे में बांधकर गले या बाजू में धारण करें। ये पीले पुखराज की तरह काम करता है। बृहस्पति मजबूत होगा। इसको बृहस्पतिवार की सुबह धारण करें।
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शीघ्र विवाह के लिए – स्नान करते समय जल में जरा सी पिसी हुई हल्दी मिलाएं। रोज सुबह हल्दी मिलाकर सूर्य को जल अर्पित करें। जल चढ़ाने के बाद लोटे के किनारों पर लगी हुई हल्दी को माथे और कंठ पर लगाएं। ये प्रयोग लगातार एक महीने तक करें।
धन पाने के लिए – हल्दी में गुलाबजल मिलाकर इसे घोल लें, अब एक चौकोर सफेद कागज पर इस घोल से श्रीं लिखें। आपको धन का अभाव नहीं होगा। किसी भी गुरुवार को जब पुष्य नक्षत्र हो तब ये प्रयोग करने से विशेष लाभ होता है।
नौकरी और आकर्षण बढ़ाने के लिए- हल्दी में पानी और चंदन मिलाएं और उसका पेस्ट बनाएं, उस पेस्ट को चांदी या जस्ते के पात्र में रखकर पूजा के स्थान पर रखें। रोज सुबह काम की शुरुआत के पहले उस पेस्ट का तिलक माथे पर या कंठ पर लगाएं।