हिंदू धर्म में वास्तु शास्त्र का विशेष महत्व है। वास्तु शास्त्र में तमाम ऐसी बातें लिखी गई हैं, जिनका पालन करके अशुभ से बचा जा सकता है। वास्तु शास्त्र के मुताबिक, घर में रखी हुई प्रत्येक वस्तु का कुछ ना कुछ शुभ या अशुभ प्रभाव हम पर पड़ता है। इसलिए घर बनाते और सजाते समय वास्तु शास्त्र की इन बातों को ध्यान में रखने की सलाह दी जाती है। नवविवाहित जोड़ों की खुशहाल जिंदगी के लिए भी वास्तु शास्त्र में कई सारी बातें बताई गई हैं। वास्तु शास्त्र में नवविवाहित जोड़ों की पलंग के लेकर विशेष जोर दिया गया है। ऐसा बताया गया है कि यदि सही दिशा व सही ढंग से नवविवाहित जोड़ों की पलंग हो तो उनके जीवन से अमंगल दूर रहता है। आइए विस्तार से जानते हैं इस बारें में।

वास्तु शास्त्र के मुताबिक, नवविवाहित जोड़ों की पलंग लकड़ी की बनी हुई होनी चाहिए। लकड़ी को हिंदू धर्म में काफी पवित्र और शुभ माना गया है। लकड़ी की पलंग होने से पति-पत्नी के बीच झगड़ा नहीं होता और वे सदा ही प्रेम पूर्वक रहते हैं। इसके साथ ही लोहे की पलंग बनवाने के लिए वास्तु शास्त्र में मना किया गया है। ऐसा करने से दंपत्ति के बीच प्रेम कम हो सकता है। वास्तु शास्त्र में यह भी कहा गया है कि नवविवाहित जोड़ों की पलंग में शीशा नहीं लगा हुआ होना चाहिए। पलंंग में शीशा होने से पति-पत्नी के बीच मनमुटाव बढ़ता है। उनके बीच छोटी-छोटी बातों को लेकर झगड़ा होने लगता है।

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वास्तु शास्त्र में पलंग के बीच बॉक्स बनवाने के लिए मना किया गया है। कहा जाता है कि पलंग में बॉक्स बनवाने से नवविवाहित जोड़ों के बीच तनाव बढ़ता है। उनके दिमाग में चिंता घर कर जाती है और वे दांपत्य जीवन का सुख सही ढंग से नहीं भोग पाते हैं। त्रिकोणीय सिरहाना वाली पलंग भी नवविवाहित जोड़ों को नहीं रखनी चाहिए। इससे दोनों के बीच अविश्वास पैदा होता है। इसके अलावा वास्तु शास्त्र पलंग की साफ-सफाई अच्छी रखने के लिए भी कहता है।

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