सूर्य को ग्रहों में पिता का स्थान प्राप्त है, पिता की स्थिति सूर्य से देखी जाती है। शनि एक तरफ रोजगार से संबंध रखता है। वहीं दूसरी तरफ सूर्य का पुत्र भी है, पिता और पुत्र के संबंधों के लिए सूर्य और शनि परस्पर स्थिति देखी जाती है। सूर्य और शनि का अशुभ प्रभाव- पिता और पुत्र में तालमेल काफी खराब होता है, कभी-कभी पिता और पुत्र में एक ही जीवित रहता है। पिता के साथ पुत्र का बंटवारा हो जाता है, या पुत्र पिता को छोड़ देता है। कभी-कभी पिता अपने पुत्र के साथ दुर्व्यवहार करता है, पिता अपने पुत्र को जीवन और संपत्ति से दूर रखता है।

पिता-पुत्र का संबंध खराब हो तो – पिता रोज सुबह सूर्य को जल अर्पित करें, प्रत्येक शनिवार पीपल के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। पीपल के वृक्ष की 19 बार परिक्रमा करें।

सूर्य-शनि के कारण आयु का संकट हो तो – पिता और पुत्र रोज सुबह नम: शिवाय का 108 बार जाप करें, शनिवार को दोनों ही काले तिल और गुड़ का दान करें। दोनों को ही सावन में शिव जी का रुद्राभिषेक करना चाहिए।\

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यदि पिता अपने पुत्र से दुर्व्यवहार करते हों – पुत्र रोज सुबह काले तिल मिलाकर सूर्य को जल चढ़ाएं, रविवार का उपवास रखें। इस दिन नमक ना खाएं, पुत्र काले रंग के वस्त्र का कम से कम प्रयोग करें।

यदि पुत्र अपने से पिता दुर्व्यवहार करते हों – पिता रोज सुबह सूर्य को रोली मिलाकर जल चढ़ाएं, शाम को भगवान विष्णु को पीले फूल अर्पित करें, लाल रंग के वस्त्र कम से कम धारण करें।