सिंह राशिफल 2018 के अनुसार इस वर्ष सिंह राशि के जातको को सफलता मिलने की अपार संभावना है। कार्य-स्थल पर आपका प्रदर्शन शानदार होगा और आपके काम की तारीफ़ भी होगी, पद-प्रतिष्ठा भी बढ़ेगी। नौकरी बदलने का भी योग बन रहा है। बिज़नसमेन को बिज़नेस में अप्रत्याशित परिणाम मिलेंगे, आय के कुछ नए स्रोत बनेंगे। निवेश करने के लिए समय शुभ है, शेयर बाज़ार में भी पैसा लगाना आपके लिए फ़ायदे का सौदा होगा। नई ज़मीन और ज़ायदाद में आप निवेश कर सकते है। आयात-निर्यात, प्रॉपर्टी, संचार, कपड़ा, रेस्टोरेंट, बेकरी, इलेक्ट्रिक और खान-पान से जुड़े सिंह राशि के जातकों को मुनाफ़ा होगा, कारोबार के सिलसिले में विदेश यात्रा का भी योग बन रहा है।

बच्चों को पढ़ाई में परेशानियों एवं कई प्रकार की चुनौतियों का् सामना करना पड़ सकता है, सफलता प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी, कड़ी मेहनत के बाद भी आपको उम्मीद के मुताबिक़ परिणाम नहीं मिलेंगे। एमबीए, इंजीनियरिंग, कला और मेडिकल के छात्रों के लिए मई से सितंबर तक का समय अनुकूल है। गृहस्थ जीवन भी शानदार रहेगा, संबंधों में मधुरता आएगी। परिवार के सदस्यों का सहयोग मिलेगा। आपको सिरदर्द और जोड़ों में दर्द की की या पेट के निचले हिस्से में दर्द या इंफ़ेक्शन की शिक़ायत हो सकती है। आपको भाई-बहनों की सेहत को लेकर जनवरी से फ़रवरी तक सतर्क रहना होगा, किसी गंभीर बीमारी के कारण उन्हें परेशानी हो सकती है। सामाजिक दायरा बढ़ेगा, आध्यात्मिक और धार्मिक कार्यों में आपकी रूचि बढ़ेगी और किसी धार्मिक स्थल की यात्रा पर जाएँगे।

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राशि स्वामी: सूर्य | शुभ रत्न: माणिक्य | शुभ रुद्राक्ष: एक मुखी रुद्राक्ष | शुभ दिशा: पूरब

वर्ष 2018 को अच्छा बनाने के उपाय:

– उगते सूर्य की उपासना करे, नित्य सूर्य को ताम्बे के लोटे से जल अर्पण करे साथ ही पीले रंग के चन्दन से अर्क दे और ११ सूर्य नमस्कार करें।
– माणिक्य या सोने के सूर्य वाला लॉकेट धारण करें।
– पिता एवं बुजुर्गों का सम्मान करना चाहिए, उनकी सेवा करें।
– किसी भी महत्वपूर्ण काम पर जाते समय घर से मीठी वस्तु खाकर निकलना चाहिए।
– तुलसी के पौधे पर हर शाम घी का दीपक लगायें।
– रविवार को गायों को सूर्य के समान रोटी बना के स्वयं के हाथ से खिलाये।
– मुफ्त में किसी से कोई भी रत्न ,वस्त्र न ले।
– मांस -और शराब को हाथ भी न लगाये न पीये न किसी को पिलाये।
– सूर्य यज्ञ करवा सकते है, सूर्य के जाप कर सकते है।
– गायत्री यज्ञ भी किया जा सकता है।
– रविवार को बिना नमक का भोजन कर उपवास करे
– कुष्ठ रोगियों की सेवा करनी चाहिए, कुष्ठ रोगियों के बीच दवा का वितरण करें।
– शाम को खाने के बाद कुत्ते को रोटी देन और सुबह की शुरूआत मां के चरण स्पर्श करके करे।