सब कुछ अच्छा रहेगा। जीवनसाथी और करीबियों से संबंध अच्छे रहेंगे। माली हालत भी ठीक रहेगी। जमा-पूंजी बढ़ेगी। नौकरी हो या कारोबार, फायदे का योग है। प्रेम-संबंधें में भी सुधार होगा। शादी की राह में आ रही रुकावट दूर होगी। शारीरिक सुख भी खूब मिलेगा।
ग्रह दशा: शनि के वृश्चिक और बृहस्पति के सिंह में जाने के साथ साल शुरू हो रहा है। 31 जनवरी के बाद राहु सिंह में और केतु कुम्भ में प्रवेश करेंगे।
परिवार: कुछ उतार-चढ़ावों के बावजूद पारिवारिक जीवन खशुहाल रहेगा। जीवनसाथी के साथ मधुर संबंध रहेंगे। कुछ दिनों के लिए अलगाव या मतभेद हो सकता है। पिता के साथ संबंध अच्छे रहेंगे, लेकिन माता के साथ वैचारिक मतभेद हो सकता है।
सेहत: इस मोर्चे पर सब ठीक रहेगा। बस, वजन बढ़ने का खतरा है। इसलिए मोटापा बढ़ाने वाला खान-पान मत करें। 31 जनवरी के बाद कुछ समय के लिए मानसिक परेशानी झेलनी पड़ सकती है।
जेब: आर्थिक मोर्चे पर इस साल बहुत ही कम चुनौतियां रहेंगी। आमदनी की कमी नहीं रहेगी और 11 अगस्त के बाद अप्रत्याशित रूप से बढ़ेगी।
नौकरी: सराहना, सहयोग और ऐसी ख़ुशी मिलेगी जिसकी तलाश लम्बे अरसे से कर रहे थे। प्रत्येक काम समय से पहले पूरा होगा। वर्तमान नौकरी के अलावा अन्य स्रोत से भी आपको लाभ मिलेगा। बृहस्पति की महादशा से गुजर रहे लोगों को दोगुना फ़ायदा होने वाला है।
कारोबार: कारोबार करने वालों को इस साल अपेक्षाकृत ज़्यादा मुनाफ़ा होने वाला है, लेकिन अभी इंतजार करना होगा। अच्छे दिन अगस्त के बाद आएंगे। रियल एस्टेट कारोबार से जुड़े लोगों को थोड़ा निराश होना पड़ सकता है। 11 अगस्त के बाद उन्हें शेयर बाजा़र से अच्छा लाभ हो सकता है। लॉटरी लग सकती है।
प्यार: प्यार के मामले में साल सदाबहार रहेगा। जिससे प्यार करते हैं, उससे शादी भी हो सकती है। 11 अगस्त के बाद प्यार संबंध और मजबूत होंगे।
शारीरिक सुख: सिंह राशि वाले सेक्स के प्रति हमेशा उतावले रहते हैं। 2016 आपके लिए अनुकूल है। आपको भरपूर यौन सुख मिलेगा। पार्टनर का भी पूरा साथ मिलेगा।
उपाय: यदि आप शनि की महादशा से गुजर रहे हैं तो पांच मंगलवार को हनुमान जी को लाल लंगोट चढ़ाएं। क्षमतानुसार दान-पुण्य करें। यदि बृहस्पति की महादशा से गुज़र रहें हैं तो ज़्यादा कुछ करने की ज़रूरत नहीं है। जिनके ऊपर राहु या केतु की महादशा चल रही है उन्हें दिन में तीन बार देवी कवच का पाठ करना चाहिए। किसी भी ग्रह की दशा और अंतरदशा से बचने के लिए नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करें।