हिंदू धर्म में ज्योतिषशास्त्र का विशेष महत्व है। ज्योतिषशास्त्र का ज्ञान काफी हद तक ग्रहों की चाल पर निर्भर है। इसके अनुसार ग्रहों की चाल व्यक्ति के वर्तमान और भविष्य बहुत प्रभावित करती है। इन ग्रहों में राहु और केतु को सामान्य तौर पर अशुभ ग्रह माना जाता है। लेकिन राहु-केतु की कुछ ऐसी भी दशाएं होती हैं, जब ये व्यक्ति को काफी लाभ पहुंचाते हैं। इनमें से ही एक ही चाल भी है जो व्यक्ति को अमीर बनाती है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, राहु और केतु के बुरे प्रभाव से डरना नहीं चाहिए। जब राहु और केतु का आधा समय गुजर जाता है तब ये लाभ देना शुरू कर देते हैं। राहु की दशा के नौ साल होने के बाद अच्छे परिणाम मिलते हैं। वहीं, केतु के साढ़े तीन साल गुजरने के बाद आर्थिक लाभ मिलने लगते हैं।

कहते हैं कि राहु व्यक्ति को जीवन में लीडर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। राहु की दशा सही हो तो व्यक्ति अपनी बातों से दूसरों को आसानी से प्रभावित कर पाता है। इसके अलावा कुंडली में राहु की दशा ठीक होने पर व्यक्ति के चुनाव जीतने की संभावना भी काफी बढ़ जाती है। लोग उस पर भरोसा करने लगते हैं और उसे अपना लीडर चुन लेते हैं। इसके साथ ही संतान प्राप्ति के लिए भी राहु की दशा का सही होने अनिवार्य है। इसी लिए नि:संतान दंपत्तियों को राहु की पूजा कराने की सलाह दी जाती है।

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यदि केतु की बात करें तो यह व्यक्ति के भूत, वर्तमान और भविष्य को जानने में काफी मदद करता है। ज्योतिषी लोगों के भविष्य को जानने के लिए उसकी कुंडली में केतु ग्रह की उपस्थिति का ही अध्ययन करते हैं। इसके अलावा व्यक्ति को डॉक्टर, जज या वकील बनने में भी काफी हद तक उसका केतु जिम्मेदार होता है। इस प्रकार से केतु ग्रह व्यक्ति को अमीर बनाने में अपना योगदान देता है। इसके अलावा केतु के समय पैदा हुए बच्चे में विलक्षण प्रतिभाएं होती हैं। ये बच्चे आगे चलकर अपने करियर में काफी अच्छा करते हैं। ये अपनी सफलता से अपना और देश का नाम दुनियाभर में रोशन करते हैं।

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