मेष राशिफल 2018 के मुताबिक़ आपकी ज़िन्दगी में कई बदलाव होंगे। शुरुआत में आपको कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। काम का दबाव होने के कारण आप परेशान हो सकते हैं। कार्य के सिलसिले में दूर की यात्रा करनी पड़ सकती है। मई से नवंबर तक की अवधि में आपको तनख़्वाह में बढ़ोत्तरी और पदोन्नती की पूरी संभावना है। ऑफ़िस में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए आपकी तारीफ़ होगी। यदि आप नौकरी की तलाश में हैं तो आपकी यह ख़्वाहिश भी पूरी होगी। यदि आप एक क़ारोबारी हैं तो इस साल आपको अच्छे मुनाफ़े प्राप्त होंगे। कला, वित्त, मीडिया, प्रिंटिंग, नाट्य, पर्यटन, संगीत या फिर सौन्दर्य उत्पाद के कारोबार से जुड़े हैं तो आपको उम्मीद से ज़्यादा मुनाफ़ा होगा। अक्टूबर 2018 के मध्य में आय में कमी हो सकती है। छात्रों के लिए यह साल बढ़िया है, परीक्षा के परिणाम आपके पक्ष में होंगे। यदि आप इंजीनियरिंग या एमबीए की तैयारी करना चाहते हैं तो आपको सफलता मिलने की संभावना बहुत ज़्यादा है।
सेहत के मामलों में आपको जनवरी से लेकर मार्च तक गंभीर रहना होगा। चोट लगने की ज़्यादा संभावना है, वाहन चलाते समय भी सतर्क रहना ज़रूरी है। शराब और नशे से आपको दूर रहने की ज़रूरत है। यदि आपको डायबिटीज़ या हृदय संबंधी विकार है तो आपको बहुत ही सावधान रहना होगा। जीवनसाथी के स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। पिता की सेहत अच्छी रहेगी, लेकिन माता जी की सेहत पर ध्यान देने की ज़रूरत होगी। प्रेम के मामले में मिले-जुले परिणाम मिलेंगे। परिवार में ख़ुशियों की कमी रहेगी। मई 2018 से लेकर नवंबर 2018 तक की अवधि आपके लिए मुश्किल भरी होगी। यदि आप किसी को पसंद करते हैं और उसे प्रपोज़ करना चाहते हैं तो इसके लिए समय मार्च से लेकर मई के बीच है। आध्यात्मिक कार्यों में आपकी रूची बढ़ेगी।
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राशि स्वामी: मंगल | शुभ रत्न: मूंगा | शुभ रुद्राक्ष: तीन मुखी | शुभ दिशा: दक्षिण
वर्ष 2018 को अच्छा बनाने के उपाय:
– प्रति दिन सुबह हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।
– मंदिर में मिठाई दान करें, हनुमान जी को चोला चड़ाए ।
– प्रतिदिन तांबे के पात्र से सूर्य को अर्घ्य दें।
– बेल मूल धारण करें।
– शुक्रवार को कन्याओं को मिश्री और खीर खिलाएँ।
– चिड़ियों को दाना डालें।
– गायत्री मंत्र का पाठ करने में मदद मिलेगी।
– भाइयों का सदा आदर करना चाहिए, अपनी वाणी पर संयम रखना चाहिए और हमेशा सबसे प्यार से बात करना चाहिए।
– वटवृक्ष की जड़ में मीठा दूध चढ़ाएं ।
– रात को सर के पास पानी रखकर सोएं और इस जल को सुबह पेड़ में डाल दें।
– कुष्ठ रोगियों की सेवा करनी चाहिए।
– शाम को खाने के बाद कुत्ते को रोटी देन और सुबह की शुरूआत मां के चरण स्पर्श करके करे।