27 अगस्त 2018 सोमवार की शाम ऊर्जा पुंज मंगल देव शाम 7 बजकर 36 मिनट पर मंगल मकर राशि में मार्गी हो गए। ये स्थिति भविष्य पढ़ने वालों के लिए ठंडी हवा के झोंकों की तरह है, क्योंकि मंगल के वक्री होने से 26 जून यानि पिछले 62 दिनों से आम और ख़ास का जीना मुहाल हो गया था। वक्री यानि टेढ़ा। ज्योतिष में जब ग्रहों की चल उलट जाती है, यह स्थिति वक्री होना कहलाती है। भूमि पुत्र मंगल के वक्री होने से केतु ने अब तक जो उत्पात मचा रखा था, उस पर अब लगाम लगेगी। इस समय मंगल देव केतु के साथ शनि की आक्रामक राशि मकर में चलायमान हैं। वक्री मंगल के कारण केतु ने शनि के घर में बैठकर 62 दिनों से मॉब लिंचिंग, बाढ़ और आगज़नी से आमजन को जहाँ बेहाल कर दिया था। वहीं राजनैतिक लोगों के लिए गले की हड्डी बन गया था। ये योग अटल जी, करुणानिधि, सोमनाथ चटर्जी, अजित वाडेकर, कोफ़ी अन्नान जैसे ढेरों दिग्गजों की मृत्यु के साथ इमारतों के ढहने और बहने जैसी कई अजीबोगरीब घटनाओं का साक्षी बना। मंगल ग्रह 26 जून से मकर राशि में ही वक्र गति से भ्रमण कर रहे थे।
मंगल ग्रह के वक्री होने से करीब दो माह चली आ रही आपदाएं, आगजनी, वाद-विवाद, बाढ़ जैसी दुर्घटनाओं से लोगों को काफी राहत मिलेगी। लोगों की मानसिक उलझन और बेचैनी में सहसा कमी परिलक्षित होगी। शौर्य, साहस, बल और भूमि का प्रतिनिधित्व करने वाले मंगल के मार्गी होने से भूमि, संपत्ति और सुरक्षा संबंधी कार्यों में कुछ सुधार होगा। मगर परिस्थितियों में बड़े परिवर्तन और सुधार के लिए 6 सितम्बर को शनि के मार्गी होने और जनवरी, 2019 में मंगल का शनि की राशि कुंभ से निकलने का इंतज़ार करना होगा।