डोरमैट आज हम सबके घर का एक जरूरी हिस्सा बन चुका है। हम डोरमैट को अपने घर के मुख्य दरवाजे पर रखते हैं। इसके साथ ही अब यह घर के हर एक कमरे के बाहर रखा जाने लगा है। हम सभी आमतौर पर ऐसा मानते हैं कि डोरमैट रखने से कमरे के अंदर मिट्टी या गंदगी नहीं आती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि वास्तु शास्त्र में डोरमैट को लेकर काफी कुछ कहा गया है। यदि हम वास्तु में डोरमैट के संबंध में बताई गई कुछ खास बातों का पालन करें तो इससे हमारी गरीबी दूर सकती है। इसके अलावा हमारी बंद किस्मत के दरवाजे भी खुल सकते हैं। घर से नकारात्मकता दूर हो सकती है और सकारात्मकता का आगमन हो सकता है। चलिए विस्तार से जानते हैं इस बारे में।

ऐसा कहा जाता है कि घर से टूटे हुए फर्श से वास्तु दोष उत्पन्न होता है। ऐसी स्थिति में घर पर कलह शुरू हो जाती है। घर में नकारात्मकता आती है और परिवार के सदस्यों के बीच छोटी-छोटी बात पर विवाद होने लगता है। इसके साथ ही उस घर से लक्ष्मी जी भी दूर जाने लगती हैं। इस स्थिति से बचने के लिए आपको टूटे हुए फर्श पर डोरमैट रख देना चाहिए। कहते हैं कि ऐसा करने से घर का वास्तु दोष दूर हो जाता है। घर में सकारात्मकता आती है और लोग आपस में मिलजुलकर रहते हैं।

वास्तु शास्त्र के मुताबिक, घर का डोरमैट आयताकार होना चाहिए। कहते हैं कि आयताकार डोरमैट से घर के सदस्यों के आपसी रिश्ते मजबूत होते हैं। घर में खुशियां आती हैं और लोग एक-दूसरे की काफी मदद करत हैं। इसके साथ ही आयताकार डोरमैट व्यक्ति के जीवन में ठहराव लाता है, जिससे वह खुद को मानसिक रूप से प्रसन्न अनुभव करता है। बता दें कि यदि घर का मुख्य द्वार पूर्व दिशा में हो तो हल्के रंग का डोरमैट इस्तेमाल करना चाहिए। वहीं, उत्तर दिशा के लिए हल्के हरे रंग का डोरमैट शुभ माना गया है।

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