हिंदू धर्म में तिलक लगाने की परंपरा काफी पुरानी है। किसी भी शुभ कार्य से पहले, त्योहार या पूजा में तिलक लगाया जाता है। ऐसा करना हिंदू संस्कृति में शुभ माना जाता है। शास्त्रों के मुताबिक इंसान के शरीर में सात सूक्ष्म ऊर्जा केंद्र होते होते हैं, जिन्हे चक्र कहा जाता है। माना जाता है कि मस्तिष्क के बीच में आज्ञाचक्र होता है। इसे गुरुचक्र भी कहा जाता है। इसी चक्र के एक ओर अजिमा नाड़ी होती है और दूसरी ओर वर्णा नाड़ी होती है। ज्योतिष शास्त्र में आज्ञाचक्र बृहस्पति का केन्द्र माना जाता है। इसे गुरु का प्रतीक-प्रतिनिधि माना गया है। बृहस्पति ग्रह को देवताओं का गुरु माना गया है, अस्तु, साधना ग्रन्थों में इसे गुरुचक्र के नाम से जाना जाता है।

1. मस्तक पर तिलक लगाना शुभ और सात्विकता का प्रतीक माना जाता है। सफलता प्राप्ती के लिए रोली, हल्दी, चंदन या कुमकुम का तिलक लगाने की पुरानी प्रथा है।

2. किसी भी नए काम से लिए जा रहे हैं तो पहले काली हल्दी से टीका लगाकर जाएं। इससे आपको सफलता मिल सकती है। माना जाता है जो तिलक के ऊपर चावल लगाता है उस जातक पर मां लक्ष्मी जल्दी प्रसन्न होती है और हमेशा उसके साथ रहती है।

3. जो जातक रोजाना तिलक लगाते हैं उनके घर में अन्न-धन की कभी कमी नहीं रहती है।
4. अंगूठे से तिलक लगाने से मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है।
5. अपने शत्रु का नाश के लिए तर्जनी उंगली से तिलक लगाएं।

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6. अमीर बनना चाहते हों तो मध्यमा उंगली से तिलक लगाएं।
7. घर में सुख-शांति चाहते हैं तो अनामिका उंगली से तिलक लगाएं।
8. देवताओं को मध्यमा उंगली से तिलक लगाना चाहिए।