Karwa chauth 2018: हर साल कार्तिक कृष्ण चतुर्थी को करवाचौथ का व्रत मनाया जाता है। यह व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए सबसे बड़ा त्योहार होता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं और जिन लड़कियां का विवाह तय हो चुका है, वह व्रत रखती है। यह व्रत पति की लंबी आयु के लिए किया जाता है। इस साल यह व्रत शनिवार, 27 अक्टूबर को मनाया जा रहा है। इस बार करवा चौथ पर सुहागिन महिलाएं उद्यापन नहीं कर पाएंगी। क्योंकि इस दौरान शुक्र का अस्त होगा। जो महिलाएं इस बार करवाचौथ का व्रत रख रही हैं उनके लिए इस अस्त के महत्व को समझना जरूरी है। माना जाता है शुक्र के अस्त के दौरान व्रत के लिए जरूरी सामान और अन्य शुभ कार्य करना अशुभ होता है। शुक्र ग्रह 24 अक्टूबर बुधवार 2 बजकर 4 मिनट पर अस्त हो रहा है जो कि 30 अक्टूबर सुबह 10 बजकर 20 तक अस्त रहेगा। और इस साल करवा चौथ के दौरान शुक्र अस्त रहेगा। इसलिए इस समय शुभ कार्य करना और व्रत के लिए समान खरीदना अशुभ माना जाएगा। करवा चौथ में शुक्र का बहुत महत्व होता है। शुक्र भोग-विलास और दांपत्यजीवन का कारक माना जाता है और इस करवा चौथ शुक्र अस्त रहेगा। जिस कारण 27 अक्टूबर को सुहागिनें इस बार व्रत का उद्यापन नहीं कर पाएंगी।
इस व्रत की शुरुआत सावित्री के त्याग और फल से हुई थी। सावित्री अन्न जल त्याग कर यमराज से अपने पति को वापस लाई थीं। करवाचौथ के व्रत में शुक्र के अस्त होने के चलते पूजा की जा सकती है। शुक्र के अस्त होने से पहले (24 अक्टूबर) खरीदा हुए सामान के साथ पूजा संभव है। इस सामान को करवाचौथ के दिन पूजन कर उपहार में देना शुभ माना जाता है। ऐसी भी मान्यता है कि शुक्र के अस्त होने पर इस वर्ष करवाचौथ व्रत का उद्यापन नहीं होगा।