अर्थराइटिस यानी हड्डियों और जोड़ों के दर्द से आज बहुत सारे लोग परेशान हैं। कुछ समय पहले तक इसे बुजुर्गों की समस्या माना जाता था। लेकिन अब इससे अधेड़ उम्र के लोग भी जुझने लगे हैं। अर्थराइटिस शरीर के किसी भी हिस्से की हड्डियों, मांसपेशियों और ऊतकों को प्रभावित कर सकता है। इसके अलावा अर्थराइटिस अगर अपने चरम पर हो तो उसे ठीक कर पाना मुश्किल हो जाता है। अर्थराइटिस होने पर शरीर धीरे-धीरे सख्त होता चला जाता है और पीड़ित की परेशानियां बढ़ती चली जाती हैं। इन सबके बीच अगर धर्म और ज्योतिष की नजर से देखें तो हाथ की रेखाएं और ग्रह खराब होने पर भी अर्थराइटिस की समस्या होती है। चलिए विस्तार से जानते हैं कि हाथ की कौन सी रेखाएं और कौन से ग्रह बढ़ाते हैं हड्डियों व जोड़ों का दर्द।
यदि व्यक्ति की कुंडली में उसके शनि और बृहस्पति ग्रह खराब चल रहे हों तो अर्थराइटिस की समस्या बढ़ जाती है। व्यक्ति को अचानक से उसकी हड्डियों व जोड़ो में दर्द होना शुरू हो जाता है। शनि और बृहस्पति के अलावा मंगल और शुक्र को भी इसके लिए जिम्मेदार माना जाता है। इसलिए ज्योतिष में व्यक्ति को अर्थराइटिस होने पर अपने ग्रह ठीक कराने की सलाह दी जाती है। कई सारे ऐसे उपाय हैं जिन्हें अपनाकर अर्थराइटिस की समस्या से बचा जा सकता है। यदि हम अपने ग्रह ठीक कराने के उपाय नहीं करेंगे तो हड्डियों और जोड़ों में दर्द की यह समस्या और बढ़ सकती है।
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हस्त रेखा विज्ञान के नजरिए से देखें तो हाथ की कटी-फटी रेखाएं इस बात को दर्शाती हैं कि व्यक्ति को अर्थराइटिस की समस्या है। ऐसे में अगर आपके हाथ की रेखाएं कट-फट रही हों तो यह इस बात का संकेत हो सकता है कि आपकी हड्डियां कमजोर हो रही हैं। इसके अलावा अगर हाथ की रेखाएं अंगूठे के नीचे से निकलकर जीवनरेखा को काटती हैं तो यह अर्थराइटिस होने के संकेत हैं। ऐसे में व्यक्ति को इसके प्रति सावधान हो जाना चाहिए और इसे रोकने के उपाय शूरू कर देने चाहिए।
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