ज्योतिष शास्त्र में गजकेसरी योग को अत्यन्त लाभकारी बताया गया है। इसके अनुसार कुंडली में यह योग बनने से जातक मालामाल हो जाता है। जातक को अपने जीवन में अद्वितीय सफलता मिलती है और उसका नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाता है। बता दें कि कुंडली में गजकेसरी योग बृहस्तपति ग्रह की कृपा से बनता है। इस प्रकार से जिस व्यक्ति की कुंडली में बृहस्पति ग्रह की दशा सही होती है, उसके जीवन से दरिद्रता दूर हो जाती है। बृहस्पति को शत्रुओं का नाश करने वाला बताया गया है। ऐसे में बृहस्पति की कृपा से गजकेसरी योग बनने से व्यक्ति को उसके शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है और उसे समाज में सम्मान मिलता है।

बता दें कि गजकेसरी योग को सबसे प्रभावशाली राजयोग कहा जाता है। और यह योग उनकी कुंडली में बनता है जिनमें बृहस्पति की प्रधानता पाई जाती है। गजकेसरी योग तब बनता है, जब चंद्रमा और बृहस्पति दोनों एक-दूसरे के केन्द्र में होते हैं। इसके बनने से जातक को अनेकों लाभ मिलते हैं। लेकिन ऐसे जातकों को इस योग का लाभ लेने के लिए कुछ खास बातों पर ध्यान भी देना पड़ता है। ऐसे जातकों को अपने माता-पिता का सम्मान करना चाहिए और दूसरों की मदद करने से पीछे नहीं हटना चाहिए।

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ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, व्यक्ति के जीवन में होने वाली तमाम बड़ी घटनाओं का संबंध बृहस्पति ग्रह से होता है। इसलिए हम सभी को अपनी कुंडली के बृहस्पति ग्रह पर विशेष ध्यान देना चाहिए। बता दें कि बृहस्पति को गुरु ग्रह भी कहा जाता है। इसका रंग पीला है और इसे धन से जुड़े कारकों के लिए जिम्मेदार माना जाता है। बृहस्पति ग्रह का संबंध व्यक्ति की सेहत से भी है। बृहस्पति ग्रह की दशा खराब होने पर जातक को पेट संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसके साथ ही व्यक्ति की उम्र भी घट सकती है।

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