हिंदू धर्म में शनिदेव को न्यायधीश कहा जाता है। माना जाता है शनि देव इंसान को उनके कर्मों की सजा देते हैं। साथ ही वह सत्य को अपनाने की प्रेरणा देते हैं। जिन लोगों की कुंडली में शनि भारी होता है उनको बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह को शांत करने के उपाय बताए गए हैं। शनि दोष से बचने के लिए शनिवार के दिन व्रत और शनि देव को सरसों का तेल अर्पित किया जाता है। शनि की कृपा से व्यक्ति सफलता के शिखर पर पहुंच जाता है। कुछ लोग शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाते हैं। आइए जानते ऐसा क्यों किया जाता है तथा शनिदोष से बचने के उपाय –

1. जिन लोगों की कुंडली में शनि भारी होता है उनको शुक्रवार की रात काला चना पानी में भिगोकर रखना चाहिए। और शनिवार को काला चना, कोयला, हल्दी और लोहे का एक टुकड़ा काले कपड़े में बांधकर बहती हुई नदीं में फेंक देना चाहिए। कहा जाता है इस उपाय को एक साल तक करने पर कुंडली में शनि दोष हमेशा के लिए खत्म हो जाता है।

2. शास्त्रों के अनुसार पीपल के पेड़ को पवित्र माना जाता है कहा जाता है पीपल में देवों का वास होता है। इसलिए इस पेड़ को हिंदू धर्म में पवित्र माना जाता है। माना जाता है जो व्यक्ति शनिवार को पीपल के नीचे दीपक जलाता है उसके जीवन से असफलता का अंधकार हमेशा के लिए खत्म हो जाता है। इसलिए कुछ लोग शनिदोष से बचने के लिए शनिवार को पीपल के नीचे दीपक जलाते हैं।

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3. शनिवार को काले रंग की गाय की पूजा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। इसके लिए आप गाय के माथे पर तिलक लगाएं और सींग पर पवित्र धागा बांधकर धूप करें। इसके बाद गाय की परिक्रमा करने के बाद उसको चार बूंदी के लड़्डू भी खिलाएं। ऐसा करने से आप साढ़ेसाती के प्रभाव से बच सकते हैं।