हिंदू धर्म में समुद्र शास्त्र का विशेष महत्व है। समुद्र शास्त्र में व्यक्ति के अंगों की बनावट और उसमें होने वाले परिवर्तन के आधार पर उसके स्वभाव के बारे में आंकलन किया गया है। इसके मुताबिक व्यक्ति के कमर में होने वाली दर्द उसके स्वास्थ्य को लेकर काफी-कुछ जानकारी देती है। जी हां, आज हम आपको इसी बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं। कई बार हम अपनी कमर में भारीपन महसूस करते हैं। ऐसा होना हमारे स्वास्थ्य के लिहाज से शुभ संकेत नहीं है। कमर का भारीपन दर्शाता है कि हमें भविष्य में डिस्क की समस्या से दो-चार होना पड़ सकता है। इसलिए आपके स्वास्थ्य के लिए बेहतर होगा कि कमर के भारीपन को हल्के में ना लें।

कुछ लोगों की कमर में लगातार दर्द बना रहता है। लेकिन वे लोग इसे नजरअंदाज किए जाते हैं। जबकि अच्छे स्वास्थ्य के लिहाज यह एक गंभीर समस्या है। बता दें कि कमर में लगातार दर्द का होने विटामिन डी और कैल्शियम की कमी से हो सकता है। इसलिए आपको शीघ्र डॉक्टर से मिलना चाहिए और अपने भोजन में विटामिन डी और कैल्शियम के युक्त पदार्थों को शामिल करना चाहिए। मालूम हो कि महिलाएं अक्सर कमर में दर्द की शिकायत करती रहती हैं और उनके घर वाले इसे नजरअंदाज करते जाते हैं। ऐसा करना ठीक नहीं है।

बता दें कि कमर दर्द से राहत पाने के लिए आप जैतून और अजवाइन के तैल से मालिश भी करवा सकते हैं। जैतून और अजवाइन के तैल कमर दर्द से छुटकारा दिलाने में सहायक साबित होते हैं। समुद्र शास्त्र की मानें तो कमर के निचले हिस्से में होने वाला दर्द दर्शाता है कि आप मानसिक रूप से काफी परेशान हैं। यह परेशानी आपके द्वारा गैर-जरूरी चिंता की वजह से भी हो सकती है। इसलिए आपको चाहिए कि आप बेवजह का तनाव लेने से बचें और खुश रहने का प्रयास करें।

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