शास्त्रों में दान देने का बहुत महत्व है। दान को पुण्य का काम बताया गया है। कहा जात है दान करने से अक्षय पुण्य मिलता है। दान करने से हमारे द्वारा जाने-अनजाने में किए गए पाप खत्म हो जाते हैं और ईश्वर की कृपा मिलती है। शास्त्रों में कहा गया है कि व्यक्ति को जीवन में एक बार गाय, घर, वस्त्र तथा कन्या में से किसी एक का दान जरुर करना चाहिए। मान्यता है कि इंसान को दाएं हाथ से दान करना चाहिए और दान करते समय हमारा हाथ सीधा होना चाहिए। दान देने से व्यक्ति को संतुष्टि मिलती है। आइए जानते हैं दान से जुड़ी कुछ जानकारियां।
1. शास्त्रों के मुताबिक जो व्यक्ति परिजनों को दुखी कर दान करता है तो वह दान पुण्य प्रदान नहीं करता है। घर में सभी की सहमति के बाद ही कुछ दान करना चाहिए, जिससे पुण्य की प्राप्ति होती है।
2. किसी जरुरतमंद के घर जाकर दान करना बहुत लाभकारी बताया गया है। घर जाकर दान करना उत्तम माना जाता है। घर बुलाकर दान करना मध्यम माना गया है।
3. यदि कोई व्यक्ति गायों और ब्राह्मणों को कुछ दान करता है तो उसे रोकना नहीं चाहिए। ऐसा करने वाला व्यक्ति पाप का भागी होता है। जल, चावल और तिल का दान अपने हाथों से करना अधिक पुण्यकारी होता है। कहा जाता है अपने हाथ बिना किया गया दान दैत्यों को प्राप्त होता है।
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4. दान करते समय मुख पूर्व दिशा में रखना चाहिए। दान लेने वाले को अपना चेहरा उत्तर दिशा में रखना चाहिए। ऐसा करने से दान करने वाले व्यक्ति की आयु बढ़ती है और दान लेने वाले व्यक्ति की आयु कम नहीं होती है।
5. शास्त्रों के मुताबिक पितरों को तिल और देवताओं को चावल दान करना पुण्यकारी होता है। कहा जाता है विद्याहीन ब्राह्मण को दान नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से पुण्य की हानि होती है।
6. शास्त्रों में गोदान श्रेष्ठ माना गया है। कहा जाता है इसका दान करने से व्यक्ति द्वारा किए गए पाप खत्म हो जाते हैं और उसको पुण्य की प्राप्ति होती है।
7. शास्त्रों में कन्या, सोना, गाय, चांदी, रत्न, तिल, विद्या, हाथी, घोड़ा, शय्या, कपड़े, भूमि, अन्न, दूध, छत्र आदि का दान को महादान माना गया है।