वास्तुशास्त्र, फेंगशुई और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार घर या दफ्तर में कछुआ रखना काफी शुभ माना जाता है। कछुए को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। ऐसी पौराणिक कथा है कि भगवान विष्णु ने समुद्र मंथन के दौरान कछुए का रुप धारण करके मंद्रांचल पर्वत को अपने कवच पर संभाला था। इसलिए हिंदू धर्म में कछुए को शुभता का प्रतीक मानते हैं। कछुए की आयु लंबी होती है और वह एक शांत जीव के रूप में जाना जाता है। इसलिए इसके चित्र को घर में रखने से सुख-शांति आती है। कछुए की फोटो या फिर अष्टधातु से बने कछुए को घर के मंदिर में रखा जा सकता है। साथ ही कछुए को पानी से भरे पीतल या अष्टधातु के पात्र में ही रखना चाहिए।

फेंगशुई विज्ञान के अनुसार, कछुआ रखने से घर के लोगों की आयु लंबी होने के साथ-साथ घर में सुख-शांति भी बनी रहती है। बिजनेस के लिए भी इसे शुभ माना जाता है। लेकिन कछुए को कभी भी बेडरूम में नहीं रखना चाहिए क्योंकि फेंगशुई  के अनुसार इसे नुकसानदेह माना गया है। इसे रखने के लिए घर का सबसे उत्तम स्थान ड्राॅइंंग रूम है। ध्यान रखें कि घर पर रखे जाने वाले कछुए का मुंह हमेशा घर के अंदर की तरफ होना चाहिए। अगर परिवार का माहौल अशांत रहता है और सदस्यों में हमेशा किसी न किसी बात को लेकर झगड़ा होता रहता हो तो उसके लिए घर में 2 कछुओं का जोड़ा रखना चाहिए। इससे आपसी मतभेद खत्म होंगे और परिवार के लोगों में प्यार बढ़ेगा। कछुआ रखने से नकारात्मक ऊर्जा दूर रहती है।

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वास्तु और फेंगशुई के अनुसार, ऐसा कछुआ घर में रखना जिसकी पीठ पर उसके बच्चे भी हों, उसे संतान प्राप्ति के लिए अच्छा माना जाता है। जो पति पत्नी संतान सुख से वंचित हों, उनके लिये ऐसा कछुआ घर में रखना लाभकारी साबित हो सकता है। वास्तु के अनुसार घर की उत्तर दिशा में कछुए का चित्र लगाना चाहिए क्योंकि यह दिशा लक्ष्मी जी की दिशा मानी गयी है। घर और दुकान के मुख्यद्वार पर कछुए का चित्र लगाने से व्यापार में धन लाभ और सफलता मिलती है। अगर किसी को धन संबंधी परेशानी हो, तो उसे क्रिस्टल वाला कछुआ घर या कार्यस्थल पर रखना चाहिए।