हिंदू धर्म में समुद्र शास्त्र का विशेष स्थान है। समुत्र शास्त्र में व्यक्ति के अंगों की बनावट के आधार पर उसके व्यक्तित्व के बारे में तमाम बातें बताई गई हैं। कहतें हैं कि व्यक्ति के अंगूठे में उसके जीवन के तमाम राज छिपे होते हैं। आज हम इस बारे में समुद्र शास्त्र के हिसाब से विस्तार से जानेंगे। व्यक्ति के हाथ में चार अंगुलियां और एक अंगूठा होता है। सामान्य तौर पर कहा जाता है कि अंगूठे के बिना ये चारों अंगुलियां ही बेकार हैं। ये सभी अंगुलियां व्यक्ति के तभी काम आएंगी, जब अंगूठा उनका साथ देगा। क्या आप जानते हैं कि अंगूठे की जड़ को ब्रह्मतीर्थ कहा गया है। और यह हिस्सा व्यक्ति के जीवन को काफी प्रभावित करता है।

ज्योतिष में अंगूठे को शुक्र ग्रह से जुड़ा हुआ बताया गया है। कुंडली में शुक्र ग्रह की दशा खराब होने पर व्यक्ति के अंगूठे का निचला हिस्सा दब जाता है। यदि यह हिस्सा काफी कठोर हो जाए तो ऐसे व्यक्ति को संतान प्राप्ति में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसके साथ ही यदि आपके अंगूठे में दर्द हो तो आपको समझ जाना चाहिए कि आपकी कुंडली में शुक्र ग्रह की दशा खराब चल रही हैं। ऐसे में आपको अपने जीवन में कई सारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

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समुद्र शास्त्र में ऐसा कहा गया है कि व्यक्ति के अंगूठे का निचला हिस्सा बड़ा होने से वह कामी हो जाता है। वहीं, यदि इसका निचला आकार छोटा हो तो उस व्यक्ति की काम इच्छा समाप्त या कम हो जाती है। इसके अलावा यदि व्यक्ति के अंगूठे का बीच वाला हिस्सा काफी बड़ा हो तो वह काफी महत्वाकांक्षी हो जाता है। ऐसा व्यक्ति बड़े सपने देखता है और उन्हें पूरा करने का प्रयास करता है। वहीं, व्यक्ति के अंगूठे का ऊपरी हिस्सा उसकी तर्कशक्ति को दर्शाता है। यदि ऊपरी हिस्सा बड़ा हो तो उस व्यक्ति में तर्कशक्ति बहुत ज्यादा होती है।

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