हम सबके जीवन में कई बार ऐसी स्थितियां पैदा होती हैं जब हमें किसी अनहोनी की डर सताने लगता है। ऐसी स्थिति में हम खुद को काफी बेचैन पाते हैं और ऐसा लगता है जैसे हमारे साथ कुछ बुरा होने वाला है। क्या आप जानते हैं कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह कुंडली में ग्रह की दशा खराब होने से होता है। जी हां, जब भी चंद्रमा के योग पर अंधेरा गहराता है तब ऐसी स्थितियां उत्पन्न होती हैं। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, ऐसा चंद्रमा के राहु, केतु या शनि के साथ होने से होता है। ऐसा होने पर व्यक्ति नकारात्मक विचारों से घिर जाता है और उसे अनहोनी का डर सताने लगता है। कहते हैं कि इस डर की स्थिति में लंबे समय तक रहना ठीक नहीं होता। इससे व्यक्ति गंभीर रूप से बीमार पड़ सकता है। चलिए जानते हैं कि इससे बचने के लिए किस तरह के उपाय किए जाते हैं।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस डर की स्थिति को खत्म करने के लिए व्यक्ति को अपनी कुंडली में चंद्रमा की दशा व दिशा को मजबूत करना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि दोनों हाथ को जल्दी-जल्दी रगड़ने से व्यक्ति के अंदर साहस का संचार होता है। इसलिए अनहोनी का डर सताने पर दोनों हाथ को रगड़कर अपने चेहरे के ऊपर घुमाने की सलाह दी जाती है। बताते हैं कि ऐसा करने से आपके अंदर हिम्मत आती है और आपका चंद्रमा मजबूत होता है।

इसके अलावा कुंडली में चंद्रमा की दशा की मजबूत करने से लिए पूर्णमासी के दिन खीर बनाने की बात कही जाती है। इसके बाद इस खीर को चंद्रमा को रोशनी रख देना चाहिए और सुबह में इसका सेवन करना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि यह करने से जीवन में सकारात्मकता आती है और व्यक्ति का चंद्रमा मजबूत होता है। एक अन्य प्रचलित उपाय के मुताबिक ऐसे लोगों को अपने अंगूठे में चांदी का छल्ला धारण करना चाहिए। कहते हैं कि ऐसा करने से साहस आता है और कुंडली में चंद्रमा मजबूत होता है।

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