18 मार्च, 2018 को विरोधी कृत नामक संवत 2075 अस्तित्व में आएगा। कुछ पंचांगों ने इसे परिधावी सम्वतसर भी कहा है। जिसके राजा सूर्य और मंत्री शनि होंगे। जिससे परिवार, समाज, राष्ट्र और राष्ट्रों के साथ दलों और कम्पनियों में परस्पर वैमनस्य उत्पन्न होगा। विपरीत परिस्थितियां विकास का मार्ग प्रशस्त करती हैं। नए अजीबोगरीब राजनैतिक गठबंधन अस्तित्व में आयेंगे। कार्यक्षेत्र में बेचैनी से कर्मचारियों का काम में मन नहीं लगेगा। नाकाबिल लोग पुरस्कृत होंगे। काबिल हाशिए पर जायेंगे। व्यापारी और प्रजा धन की कमी से परेशान नजर आयेंगे। किसानों और व्यापारियों के साथ सामान्यजन में आत्महत्या का ख्याल बेचैन करेगा।
सूर्य के राजा होने से मन अशांत रहेगा। अग्नि से धन संपत्ति का नाश होगा। चोरी की घटनाएं बढ़ेंगी। बड़े लोगों को बड़ी समस्यायें होंगी। A,D,M,S के अक्षर से आरंभ होने वाले नाम के प्रख्यात लोगों को स्वास्थ्य के साथ अन्य गंभीर समस्याओं का सामना करना होगा। कई बड़ी नामी गिरामी हस्तियों की मृत्यु हो सकती है। गाय-भैंसों के दुग्ध में कमी होगी। इस बरस पानी कम बरसेगा। अनाज और फलों की पैदावार में कमी होगी। बड़े नेताओं के लिए अगला संवत भारी तनाव की सौगात लेकर आएगा।
शनि के मंत्री पद पर विराजने से जगत में धन की कमी का आभास होगा राष्ट्राध्यक्षों का दुस्साहस और विवेकहीन आचरण हैरान करेगा। राजा, मंत्री और अधिकारी गण प्रजा के प्रति क्रूर हो जाएंगे। नए झमेलों से राजा का सर चकरायेगा, और उसका आचरण नाटकीय हो जाएगा। विरोधी ही नहीं, सत्ता पक्ष भी षड्यंत्र में लिप्त नज़र आएगा। राजनैतिक निष्ठा बदल जाएगी। बुज़ुर्गों का नरम स्वास्थ्य बेचैन करेगा। चिकित्सा व्यवसायी जनता को चूसेंगे। अस्पतालों में अनीति पूर्ण आचरण होगा। सज्जनों को कष्ट मिलेगा। नेता स्वार्थी हो जायेंगे। विनम्रता का अभाव होगा। सांप बिलों से बाहर निकलेंगे। नवीन तकनीकी का प्रसार होगा। बच्चों के प्रति अप्रिय समाचार मिलेगा।
सस्येश के पद पर मंगल होने से अनाज, मूंग, उड़द गेहूं और तिल के भावों में तेज़ी रहेगी। दुर्गेश शुक्र होने से सुरक्षा के प्रति सचेत रहना होगा। जनता की चिंता बढ़ेगी। धनेश चंद्र होने से नए अमीरों का उदय होगा। पुराने नेस्तनाबूद होंगे। रसेश के पद पर वृहस्पति के विराजने से वाहन सुख में इज़ाफ़ा होगा। योग और आध्यात्मिक मूल्यों को आकाश मिलेगा। नदी में जल भरा रहेगा। सूर्य के धान्येश पद पर आसीन होने से किसी रोग या विकार फैलने की सम्भावना है। राष्ट्रों, राजनेताओं और लोगों में परस्पर वैमनस्य संभव है। चंद्रमा के नीरसेश पद ग्रहण करने से टेक्सटाइल, शक्कर, चांदी इत्यादि के व्यापार में वृद्धि होगी। भावों में कमी का संकेत है। फलेश शुक्र के होने से आध्यात्मिक रुचि में वृद्धि के संकेत मिल रहे हैं। शुक्र के ही मेघेश का पद भार संभालने से सुख शांति का सूत्रपात होगा। पश्चिमी भूभाग में अधिक वर्षा होगी।
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बेमेल समीकरणों के कारण यह वर्ष मिली जुली घटनाओं का साक्षी बनेगा। किसी नेता को लेकर कोई विवाद या अजीब ख़बर आएगी। विरोधी ध्रुवीकरण का प्रयास करेंगे, पर इस साल भी उन्हें सफलता मुंह चिढ़ाएगी। इस वर्ष में आगजनी, वायु और सड़क दुर्घटना, संघर्ष, खून खराबे और अपहरण जैसी कई घटनायें विचलित करेंगी। असंगठित अपराध में कुछ वृद्धि होगी। कर्मेश शनि के कारण न्यायपालिका धारदार नज़र आयेगी और सक्रीय भूमिका निभाएगी। शत्रु शनि से दृष्ट कम वर्षा और बाद में सैलाब जैसी बारिश कष्ट देगी। कई विशिष्ट और ख्याति प्राप्त शख़्सियत, उद्योगपति, अभिनेता या राजनेता की क्षति, अपमान या उससे जुड़ी किसी बुरी ख़बर से लोग अवाक् रह जायेंगे। कई और उद्योगपति क़ानूनी शिकंजों में फंसे नज़र आयेंगे। ऊर्जा के क्षेत्र में अपार संभावना पैदा होगी। इस क्षेत्र में अब से लेकर अगले कई वर्षों तक तेज़ी का योग है। शेयर बाज़ार में नई तेज़ी नज़र आएगी। कुछ क्षेत्रो के कुछ शेयरों में इस संवत में भारी तेज़ी दर्ज होगी। प्रॉपर्टी में मामूली गहमागहमी की कोशिश होगी ज़रूर, पर सारी आस पानी के बुलबुले की तरह ध्वस्त हो जायेगी। संपत्ति कारोबार में नये तरह का ठहराव दृष्टिगोचर होगी। इस साल कोई ख़बर जनता के होंठों की मुस्कान का सबब बनेगी। धन की कमी साफ़ नज़र आएगी।


