Daily Hindi Panchang 31 July 2022: वैदिक पंचांग के अनुसार आज 31 जुलाई 2022 रविवार का दिन है। सावन मास की शुक्ल पक्ष तृतीया 04:19 AM, Aug 01 तक है। सूर्य कर्क राशि पर योग-परिघ, करण- तैतिल और गर सावन मास है। आइए जानते हैं आज शुभ- अशुभ समय…
सूर्योदय-सूर्यास्त और चंद्रोदय-चंद्रास्त का समय:
सूर्योदय – 05:41:32 AM
सूर्यास्त – 19:13:02 PM
चन्द्रोदय – 07:45:59
चन्द्रास्त – 21:07:00
Aaj ki Tithi 31 July 2022 (आज 31 जुलाई की तिथि):
तिथि तृतीया – 28:20:06 तक
नक्षत्र मघा – 14:20:49 तक
करण: तैतिल – 15:43:40 तक, गर – 28:20:06 तक
पक्ष: शुक्ल
वार: रविवार
मास पूर्णिमांत: श्रावण
आज का अशुभ मुहूर्त:
दुष्टमुहूर्त: 17:25:50 से 18:19:56 तक
कुलिक: 17:25:50 से 18:19:56 तक
कंटक: 10:13:02 से 11:07:08 तक
राहु काल: 17:32:36 से 19:13:02 तक
कालवेला / अर्द्धयाम: 12:00:15 से 12:54:20 तक
यमघण्ट: 13:48:27 से 14:42:32 तक
यमगण्ड: 12:28:17 से 14:08:43 तक
गुलिक काल: 15:50:10 से 17:31:36 तक
Aaj ka Shubh Muhurat Samay 31 July 2022 (आज 31 जुलाई शुभ मुहूर्त का समय):
शुभ मुहूर्त/अशुभ मुहूर्त 31 जुलाई 2022 Panchang: हिंदू धर्म में किसी भी धार्मिक और मांगलिक कार्य से पहले शुभ मुहूर्त देखा जाता है। ज्योतिष के अनुसार कुल मिलाकर 30 मुहूर्त होते हैं जिसमें से 15 शुभ मुहूर्त और 15 अशुभ मुहूर्त माने जाते हैं।
अभिजीत मुहूर्त : 12:00:00 से 12:54:00
विजय मुहूर्त: 14:43:00 से 15:37:00 तक
सर्वार्थ सिद्धि योग: नहीं है
रवि योग: 14:20:00 से 05:42:00, 1 अगस्त तक
हरियाली तीज पर बन रहा ये शुभ योग
ज्योतिष पंचांग के अनुसार इस साल हरियाली तीज पर रवि योग बनने जा रहा है। रवि योग को बेहद शुभ फल देने वाला योग माना जाता है। किसी भी कार्य को संपन्न करने के लिए इस योग को श्रेष्ठ माना जाता है। इस योग में पूजा करने का दोगुना फल प्राप्त होता है। हरियाली तीज पर रवि योग 31 अगस्त को शाम 2 बजकर 21 मिनट से शुरू होकर 1 अगस्त को सुबह 6 बजकर 3 मिनट तक रहेगा। इस योग में पूजा- अर्चना करें।
दिशाशूल: पंचांग के मुताबिक रविवार को पश्चिम दिशा की यात्रा वर्जित मानी गई है। इस दिन पश्चिम दिशा में दिशा शूल रहता है।
उपाय : रविवार को दलिया, घी या पान खाकर घर से बाहर निकलें। जिससे दोष का परिहार हो सके। साथ ही यात्रा शुभ हो सके।
आज का महाउपाय: आज के दिन का संबंध सूर्य ग्रह से है। इसलिए आज के दिन सूर्य देव को जल दें और आदित्य ह्रदय स्त्रोत का पाठ करें। साथ ही किसी गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति को गेहूं और गुड़ का दान करें।