World Mosquito Day 2022: विश्व मच्छर दिवस हर साल 20 अगस्त को मनाया जाता है। मलेरिया मच्छरों से फैलता है। इसलिए लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए हर साल विश्व मच्छर दिवस मनाया जाता है। मलेरिया के घरेलू उपचार को समझना भी जरूरी है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में मलेरिया के सबसे ज्यादा मामले हैं। मलेरिया के कुल मामलों में से 3 प्रतिशत भारत में पाए जाते हैं। ब्रिटिश सर्जन सर डोनाल्ड रॉस ने सन 1897 में पहली बार मच्छर और मलेरिया के संबंध का पता लगाया था।
ऐसे में मलेरिया और उसके घरेलू उपचारों को समझना जरूरी है। इसके साथ ही मलेरिया के 10 लक्षणों को समझना भी जरूरी है। मलेरिया एक संक्रामक रोग है जो प्रोटोजोआ परजीवी के कारण होता है। जो मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से फैलता है। यह मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है- सामान्य मलेरिया और गंभीर मलेरिया। माना जाता है कि गर्म जगहों पर रहने वाले लोग मलेरिया से सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। समय पर इलाज न मिलने पर मरीज की जान जाने का खतरा बना रहता है। आइए जानते हैं कुछ घरेलू उपाय जिनकी मदद से मलेरिया को घर पर ही ठीक किया जा सकता है।
अदरक : एनसीबीआई में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार मलेरिया के बाद अदरक का सेवन फायदेमंद हो सकता है। इसमें एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। मलेरिया के कारण होने वाली मतली और उल्टी की समस्या को रोकने में मदद करता है। सेवन की विधि : एक इंच अदरक के टुकड़े को एक या डेढ़ कप पानी में उबाल लें। फिर इसमें स्वादानुसार शहद मिलाएं। इस मिश्रण का रोजाना एक से दो कप सेवन करें।
हल्दी : नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के मुताबिक हल्दी में पाया जाने वाला करक्यूमिन मलेरिया के खिलाफ दवा की तरह काम करता है। हल्दी एक ऐसा मसाला है जिसमें एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं। जो शरीर से प्लास्मोडियम संक्रमण द्वारा उत्पन्न विषाक्त पदार्थों को निकालता है। मलेरिया के कारण होने वाले मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द को कम करने के लिए इसमें सूजन-रोधी क्रिया होती है। सेवन की विधि : एक गिलास दूध में एक चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर पीने से लाभ होता है। इसका सेवन रोज रात को सोने से पहले करें।
कलौंजी : पबमेड में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, कलौंजी में मलेरिया-रोधी गुण होते हैं। यह अपने एंटीऑक्सीडेंट गुणों के साथ-साथ मलेरिया के प्लास्मोडियम संक्रमण से लड़ने का भी काम करता है। ऐसे में इसका सेवन मलेरिया में फायदेमंद हो सकता है। सेवन की विधि : आधा चम्मच कलौंजी पाउडर लें और इसे एक गिलास पानी में मिला लें। हर सुबह भोजन से पहले सेवन करें।
मेथी: मलेरिया परजीवियों से लड़ने की मेथी की क्षमता इसके प्रतिरक्षा बढ़ाने और एंटी-प्लास्मोडियल प्रभावों के कारण है। इसलिए डॉक्टर मलेरिया के मरीजों को मेथी के दाने खाने की सलाह देते हैं। सेवन की विधि : आधा चम्मच मेथी दाना रात भर एक गिलास पानी में भिगो दें। और सुबह इस पानी को छान लें और खाली पेट इसका सेवन करें। इसका सेवन तब तक करें जब तक मलेरिया ठीक न हो जाए।
दालचीनी : मलेरिया में दालचीनी कारगर हो सकती है। इसमें एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीबैक्टीरियल, एंटीसेप्टिक, एंटीवायरल और एंटीफंगल गुणों के साथ-साथ एंटी-पैरासिटिक गुण भी होते हैं। जो आपको मलेरिया से उबरने में मदद कर सकता है। सेवन की विधि : एक गिलास पानी में एक चम्मच दालचीनी पाउडर और एक चुटकी काली मिर्च डालकर उबालें। अब इसे छान लें। इस तैयार मिश्रण को आप दिन में एक या दो बार पी सकते हैं।