शोधकर्ताओं ने पाया है कि डिप्रेशन के प्रभावी उपचार में वीडियो गेम खेलना काफी मददगार साबित हो सकता है। वीडियो गेम दिमाग को प्रशिक्षित करने में मदद करता है। शोध में पता चलता है कि विशेष तौर पर डिजाइन किए हुए वीडियो गेम खेलने से लोगों को उनके डिप्रेशन पर काबू पाने में मदद मिली है। इस तरह के वीडियो गेम में आंतरिक (रासायनिक असंतुलन या आनुवांशिक कारकों) या बाह्य कारकों (नौकरी या दूसरे मुद्दों या संबंधों) की वजह से होने वाले डिप्रेशन को खत्म करने की क्षमता होती है। अमेरिका के डेविस में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय की सुबुही खान ने कहा है कि सावधानीपूर्वक बनाए गए प्रेरक संदेश के उपयोग से संदेश मिलता है कि मानसिक स्वास्थ्य वाले वीडियो गेम का अधिक व्यावहारिक विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है।

शोधकर्ताओं ने जैविक कारकों के आंतरिक परिवर्तन को डिप्रेशन की वजह बताते हुए इसमें प्रतिभागियों को वीडियो गेम आधारित एप दिमाग को प्रशिक्षित करने के लिए दिए, जिससे अपने अवसाद को नियंत्रित करने के लिए वे कुछ करें। शोधकर्ताओं ने कहा कि यह दूसरे शोधों का समर्थन करता है, जो दिखाते हैं कि मस्तिष्क प्रशिक्षण वाले खेलों में संज्ञानात्मक परिवर्तन की क्षमता होती है। दूसरी तरफ अवसाद को बाह्य कारकों की स्थिति मानते हुए प्रतिभागियों को ज्यादा समय खेल को देने के लिए प्रेरित किया गया, जिससे फिर उन्हें अपनी स्थिति पर नियंत्रण रखने में मदद मिली। शोध में पाया गया कि वीडियो गेम खेलने से तात्कालिक प्रभाव पड़ता है लेकिन दीर्घकालिक लाभ की संभावना कम होती है।

डिप्रेशन का कैसे पता लगाएं-
जर्नल ऑफ पैन में छपी एक रिसर्च के अनुसार माइग्रेन और डिप्रेशन के बीच गहरा संबंध है। कहा जाता है कि डिप्रेशन की शुरुआत सिर में तेज दर्द से होता है। साथ ही डिप्रेशन के रोगी को सिर्फ मानसिक दिक्कतें ही नहीं होती है, बल्कि डिप्रेशन से पीड़ित को कब्ज या दस्त की समस्या का खतरा होता है। इसके अलावा कई बार मरीजों में पेट फूलना और इर्रीटेबल बोवअल सिंड्रोम का खतरा भी बढ़ जाता है। अगर आपको ऐसी कोई दिक्कत है और आप कई दिन से परेशान हैं तो एक बार मनोचिकित्सक से सलाह लें।