वैज्ञानिकों ने पाया है कि बेचैनी और अवसाद के लिए आम प्राथमिक देखभाल से ज्यादा आॅनलाइन थेरेपी उपलब्ध कराना कहीं कारगर इलाज हो सकता है। अमेरिका के यूनिवर्सिटी आॅफ पिट्सबर्ग के शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में अवसाद एवं बैचेनी से ग्रस्त 704 मरीजों को शामिल किया जिनकी उम्र 18 से 75 साल थी।
अध्ययन में पता चला कि आॅनलाइन कंप्यूटराइज्ड कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी :सीसीबीटी: प्रोग्राम अकेले और इंटरनेट सर्पोट समूहों :आईएसजी: के साथ उपलब्ध कराने से मरीजों के लिए बेहतर नतीजे आए। यूनिवर्सिटी आॅफ पिट्सबर्ग के प्रोफेसर ब्रूस अल रॉलमन ने कहा, ‘‘हमारे अध्ययन में पायी गयी चीजों का मानसिक स्वास्थ्य देखभाल के तरीके में बदलाव के लिहाज से महत्वपूर्ण प्रभाव है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अवसाद एवं बेचैनी से ग्रस्त मरीजों को इन उभरती तकनीकों तक पहुंच उपलब्ध कराना खासकर उन लोगों को प्रभावशाली मानसिक स्वास्थ्य उपचार देने का एक आदर्श तरीका हो सकता है, जो देखभाल संसाधनों तक सीमित पहुंच वाले इलाकों में रहते हैं या जिनके साथ परिवहन संबंधी दिक्कतें हैं या काम…घर से जुड़ी जिम्मेदारियां हैं जो उनके लिए व्यक्तिगत रूप से काउंसिलिंग हासिल करना मुश्किल कर देते हैं।