बॉलीवुड में अब तक कई बड़ी हस्तियां कैंसर का शिकार हो चुकी हैं। वहीं कई लोगों ने कैंसर के चलते असमय ही अपनी जिंदगी खो दी है। साल 1997 में ही फिल्म परदेश में शाहरुख खान के साथ लीड एक्ट्रेस रह चुकी महीमा चौधरी अपने समय की टॉप अभिनेत्रियों में से एक थीं, लेकिन लंबे समय से वो इंडस्ट्री से दूर हैं और अब खबरें आ रही हैं कि वो ब्रेस्ट कैंसर से जूझ रही हैं और इसकी जानकारी अनुपम खेर ने अपने सोशल मीडिया के जरिए दी है।

महिमा ने बताया कि उन्हें ब्रेस्ट कैंसर के कोई लक्षण नहीं थे। वो हर साल अपने चेकअप करवाती हैं। उनकी बायोप्सी हुई इसके बाद उन्हें इस बीमारी के बारे में पता चला। महिमा के मुताबिक कैंसर बहुत शुरुआती स्टेज में था, जिसे पूरी तरह ठीक किया जा सकता है। आइए जानते हैं इसके लक्षण, कारण और बचाव के तरीके-

ब्रेस्ट शरीर का एक अहम अंग है । स्तन का कार्य अपने टिश्यू से दूध बनाना होता है। ये टिश्यू सूक्ष्म वाहिनियों (Blood vessel) द्वारा निप्पल से जुड़े होते हैं । जब ब्रेस्ट कैंसर वाहनियों में छोटे सख्त कण जमने लगते हैं या ब्रेस्ट के टिश्यू में छोटी गांठ बनती है, तब कैंसर बढ़ने लगता है।

ब्रेस्ट कैंसर के कारण

पीरियड्स में बदलाव: इस बात का महिलाएं विशेष ध्यान रखें कि अगर मासिक धर्म या पीरियड्स में कुछ परिवर्तन दिखे तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। यदि 12 साल की उम्र से पहले ही मासिक धर्म शुरु हो जाएं या 30 साल की आयु के भाद गर्भवती हों या 55 की उम्र के बाद मीनोपॉज हों या फिर पीरियड्स का समय 26 दिनों से कम या 29 दिनों से ज्यादा का हो जाए तो इस स्थिति अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य करें।

धूम्रपान और नशीले पदार्थों का सेवन: यदि महिलायें शराब, सिगरेट या ड्रग्स के सेवन करती हैं तो उनमें ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है। किसी भी नशे का अत्यधिक सेवन शरीर में कैंसर को जन्म देता है।

जेनेटिक इतिहास: यदि पारिवार में पहले किसी को ब्रेस्ट कैंसर हुआ है तो यह ऐसा रोग है जो पीढ़ियों तक चलता है। यदि किसी बहुत करीबी रिश्ते जैसे सगे-संबंधी में किसी को ब्रेस्ट कैंसर हुआ है तो ऐसे में उस परिवार में किसी महिला में ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा यदि परिवार में किसी को किसी भी प्रकार का कैंसर हुआ है, तो भी परिवार के लोगों को सर्तकता रखनी होगी, क्योंकि यह सारा शरीर की कोशिकाओं का खेल है और परिवारवालों की कोशिकाएं और खून मेल खा सकते हैं।

ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण

  1. ब्रेस्ट से खून आना।
  2. ब्रेस्ट की त्वचा में ठोसपन हो जाना।
  3. ब्रेस्ट या फिर निप्पल में डिंपल, जलन, लकीरें सिकुड़न होना।
  4. ब्रेस्ट का कोई भाग दूसरे हिस्सों से अलग होना।
  5. ब्रेस्ट के नीचे ठोसपन या सख्त अनुभव होना।
  6. ब्रेस्ट या बाहों के नीचे गांठ होना।
  7. ब्रेस्ट के आकार में बदलाव जैसें ऊंचा, टेड़ा-मेड़ा होना।
  8. ब्रेस्ट या फिर निप्पल का लाल रंग हो जाना।

ब्रेस्ट कैंसर कितने स्टेज का होता है ?

ब्रेस्ट कैंसर शून्य से शुरु होकर आगे की स्टेज में जाता है और हर स्टेज के साथ गंभीरता भी बढ़ती जाती है :

  • ज़ीरो स्टेज: दूध बनाने वाली कोशिकाओं में बना कैंसर सीमित रहता है और शरीर के दूसरे हिस्सों तक नहीं जाता।
  • पहला स्टेज: कैंसर वाली कोशिकाएं धीरे-धीरे बढ़ने लगती हैं और यह शरीर की बाकि हेल्दी कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाना शुरु कर देती हैं । यह स्तन में मौजूद वसा वाली कोशिकाओं तक भी फैल सकते हैं।
  • दूसरा स्टेज: कैंसर इस स्टेज में आकर बहुत तेजी से बढ़ना शुरु हो जाता है और शरीर के बाकि भागों में भी फैल जाता है और पूरे शरीर पर पकड़ बना लेता है।
  • तीसरा स्टेज: इस स्टेज में आने तक कैंसर मानव की हड्डियों में पहुंचकर उन्हें प्रभावित करना शुरु कर देता है। इसी के साथ कॉलर बोन में इसका छोटा हिस्सा फैल चुका होता है, जो इसके इलाज को दुर्गम बनाता है।
  • चौथा स्टेज: इस स्टेज में आकर कैंसर लगभग लाइलाज हो जाता है क्योंकि चौथी स्टेज में आते-आते कैंसर लिवर, फेफड़ों, हड्डियों और मस्तिष्क में भी पहुंच चुका होता है।

ब्रेस्ट कैंसर का उपचार

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक गर केस हाई रिस्क वाला है तो समय-समय पर लक्षणों की जांच की जानी चाहिए और इससे कैंसर की स्टेज का जल्द से जल्द पता लगने और बेहतर रिकवरी होने की संभावना होती है। ब्रेस्ट कैंसर का इलाज करने के भी कईं साधन हैं, जैसे कि दूसरे कैंसर केसों में प्रयोग होते हैं, जैसे – कीमोथेरेपी, रेडिएशन, सर्जरी आदि।