तेज दौड़ती इस जिंदगी में कम्प्यूटर के महत्त्व को कोई नकार नहीं सकता, लेकिन इस पर घंटों काम करने से ‘कम्प्यूटर विजन सिंड्रोम’ से पीड़ित लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। कम्प्यूटर का इस्तेमाल न हो, इसका तो कोई उपाय नहीं है, लेकिन अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डॉ. राजेंद्र प्रसाद नेत्र विज्ञान केंद्र के डॉक्टरों की सलाह है कि इस पर काम करने के दौरान एंटी ग्लेयर चश्मा लगाएं। यह कम्प्यूटर से निकलने वाली किरणों से आंखों की हिफाजत करता है। डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्र के प्रोफेसर रोहित सक्सेना ने कहा कि कम्प्यूटर बहुत ध्यान खींचने वाला साधन है। जब आप काम करते हैं तो लगातार कम्प्यूटर या लैपटॉप में ही देखते रहते हैं, क्योंकि यह आपको अपनी ओर आकर्षित करता है। इससे आंखें नहीं झपकती हैं। इस वजह से आंखों का पानी सूख जाता है।

प्रोफेसर ने बताया कि आजकल लोगों की नौकरी 12 घंटे कम्प्यूटर या लैपटॉप पर काम करने की है। जब आप किताब पढ़ते हैं तो आप 30-40 मिनट में उठते हैं और इधर-उधर जाते हैं, मगर कम्प्यूटर पर काम करने के दौरान ऐसा नहीं होता है। आप घंटों लगातार बैठे रहते हैं। सक्सेना ने बताया कि इन्हीं कारणों से ‘कम्प्यूटर विजन सिंड्रोम’ नाम की बीमारी अस्तित्व में आई है, जिसमें आंखों का सूखना, आंखों का लाल होना, आंखों से पानी निकलना और मांसपेशियों का कमजोर होना शामिल है। उन्होंने कहा कि आंखों में खुजली होने या आंखों के लाल होने की परेशानी सबको है। यह दिक्कत किसी को कम तो किसी को ज्यादा है। यह निर्भर इस पर करता है कि आप कम्प्यूटर पर कितना वक्त बिताते हैं।

केंद्र की अन्य डॉक्टर देवांग अंगमा ने बताया कि कम्प्यूटर से आंखों पर पड़ने वाला दुष्प्रभाव तुरंत मालूम नहीं पड़ता है। यह पांच-छह साल लगातार काम करने के बाद दिखना शुरू होता है। उन्होंने बताया कि कम्प्यूटर पर लगातार काम करने से आंखें लाल होने लगती हैं और खुजली होती है। गंदे हाथों से आंखों को मलने से आंखों में संक्रमण भी हो जाता है या आंखों में फुंसी निकल आती है। अगर मधुमेह है तो यह फुंसी बहुत मुश्किल से जाती है। इसके अलावा बार-बार आंख मलने से आंख का कोर्निया भी प्रभावित हो सकता है। कम्प्यूटर और लैपटॉप पर काम करने के दौरान आंखों को स्वस्थ रखने के उपाय बताते हुए डॉ. देवांग ने कहा कि कम्प्यूटर की स्क्रीन आंखों की सीध में या आंखों से थोड़ी नीचे होनी चाहिए। कम्प्यूटर या लैपटॉप की स्क्रीन आंखों से ऊपर नहीं होनी चाहिए। इसकी स्क्रीन आंखों से जितनी ऊपर होगी, आंखों पर उतना जोर पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि नियमित कम्प्यूटर या लैपटॉप पर काम करने वालों को हमेशा एंटी ग्लेयर लेंस का इस्तेमाल करना चाहिए। जिन्हें नजर का चश्मा लगा हुआ है, वे अपने चश्मे में एंटी ग्लेयर लेंस लगवाएं और जिनको चश्मा नहीं लगा हुआ है, वे भी एंटी ग्लेयर लेंस का साधारण चश्मा पहनें। बेहतर यह है कि कम्प्यूटर की स्क्रीन पर भी एंटी ग्लेयर शीशा लगाना चाहिए।
आंखों की कसरत की सलाह देते हुए डॉ देवांग ने बताया कि लोगों को हर आधे घंटे में ब्रेक लेना और 5-10 बार आंखों को जल्दी-जल्दी झपकाना चाहिए। इसके अलावा स्क्रीन की ब्राइटनेस भी हल्की रखनी चाहिए। उन्होंने बताया कि आंखें सामान्य तौर पर एक मिनट में 12 से 16 बार झपकती हैं, जिससे आंख के सभी हिस्सों में पानी पहुंच जाता है और आंखों में नमी बरकरार रहती है।