शरीर में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने से गाउट की समस्या होती है। आम बोलचाल में इसे गठिया या बाय भी कहा जाता है। गाउट की वजह से सबसे ज्यादा असर जोड़ों की हड्डियों पर पड़ता है। सूजन के साथ तेज दर्द होने लगता है। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि कई मामलों में गाउट के चलते पैर के अंगूठे में काफी ज्यादा सूजन आ जाती है और असहाय दर्द होने लगता है।
कंसल्टेंट फिजिशियन डॉ. अमरेंद्र झा कहते हैं कि प्यूरीन वाली चीजों के अधिक सेवन से भी यूरिक एसिड बढ़ने लगता है और गाउट की समस्या होने लगती है। इसके अलावा कुछ ऐसी दवाईयां हैं जिनके सेवन से भी यूरिक एसिड का स्तर बढ़ सकता है। इसके अलावा कीमोथेरेपी और रेडियोथैरेपी के मरीजों में भी यूरिक एसिड बढ़ सकता है।
वह कहते हैं कि आम तौर पर एक तिहाई मरीजों में यूरिक एसिड बढ़ने पर कोई लक्षण नहीं दिखता है, लेकिन कुछ मरीजों में गाउट की समस्या हो सकती है। किडनी फेल होने का खतरा भी बना रहता है।
गाउट के लक्षण (Symptoms of Gout)
- जोड़ों में अत्यंत दर्द होना
- जोड़ों में सूजन आना
- चलने में परेशानी, दर्द महसूस होना
- जोड़ों पर लालिमा आना और अचानक तेज दर्द
स्ट्रेस और गाउट का संबंध (Relation Between Stress and Gout )
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार जो लोग अधिक तनाव लेते हैं उनमें गाउट की समस्या होने का खतरा हो सकता है। दरअसल ज्यादा स्ट्रेस और एंग्जायटी के कारण यूरिक एसिड बढ़ने लगता है। स्ट्रेस के कारण बॉडी में इंफ्लेमेशन बढ़ने लगता है। बता दें कि इंफ्लेमेशन भी यूरिक एसिड बढ़ाने का कारण माना जाता है। ऐसे में अगर स्ट्रेस चलते यूरिक एसिड बढ़ा तो गाउट की दिक्कत हो सकती है।
ऐसे कर सकते हैं गाउट को कम
- गाउट से बचने के लिए भरपूर पानी पिएं
- चीनी का सेवन कम करें
- वजन को कंट्रोल रखें
- हेल्दी डाइट फॉलो करें
- स्ट्रेस कम से कम लें
- जोड़ों की एक्सरसाइज व मालिश करें
- प्यूरीन वाली चीजों का सेवन कम करें