केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट के उत्पादन, आयात, वितरण और बिक्री पर प्रतिबंध लगाने वाले अध्यादेश को मंजूरी दी थी। सीतारमण, जिन्होंने इस मुद्दे पर मंत्रियों के समूह (जीओएम) का नेतृत्व किया, ने कहा कि ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया क्योंकि वे युवाओं के लिए एक स्वास्थ्य जोखिम थे।
दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में सीतारमण ने कहा कि”केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लगाने की स्वीकृति दी है। इसका मतलब है कि ई-सिगरेट से संबंधित उत्पादन, निर्माण, आयात / निर्यात, परिवहन, बिक्री, वितरण, भंडारण और विज्ञापन पर प्रतिबंध है।”
ई-सिगरेट क्या है?
ई-सिगरेट एक इनहेलर की तरह होता है जिसमें केमिकल और निकोटिन मौजूद होते हैं। यह इनहेलर बैट्री की ऊर्जा से उसमें मौजूद लिक्विड को भाप में बदलता है, जिसे पीने के बाद लोगों को सिगरेट पीने जैसा महसूस होता है। इस सिगरेट में अलग-अलग प्रकार के फ्लेवर मौजूद होते हैं। लेकिन क्या आपको पता है ई-सिगरेट में जिस लिक्विड का इस्तेमाल किया जाता है उसमें मौजूद निकोटिन अन्य केमिकल स्वास्थ्य के लिए बेहद नुकसानदायक होता है। इसके अलावा कुछ ब्रांड्स ई-सिगरेट में फॉर्मलडिहाइड का इस्तेमाल करते हैं, जो बेहद खतरनाक और कैंसरकारी तत्व हैं।
ई-सिगरेट के नुकसान?
अमेरिका के नॉर्थ कैरोलिना विश्वविद्यालय के शोध के अनुसार, उन्होंने कुछ आंकड़ें निकाले जिससे पता चला है कि सिगरेट के धुएं में मौजूद जहरीले एल्डिहाइड ई – सिगरेट में मौजूद रसायनिक पदार्थ सिन्नामेल्डिहाइड का उपयोग सामान्य कोशिका को नुकसान पहुंचाता है। इस वजह से सांस संबंधी समस्याएं होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा ई-सिगरेट में मौजूद केमिकल और निकोटिन फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है। ई – सिगरेट में उपयोग होने वाला एक सामान्य फ्लेवर फेफड़ों के महत्वपूर्ण एंटी बैक्टीरियल रक्षा तंत्र को नुकसान पहुंचा सकता है।
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