लगातार बदल रहे लाइफस्टाइल ने कई तरह की बीमारियों को बढ़ावा दिया है। इसमें हार्ट अटैक की समस्या सबसे गंभीर है। ऐसा माना जाता है कि गर्मियों के मुकाबले सर्दी के मौसम में हार्ट अटैक का अधिक खतरा होता है। ऐसी कई वजहों से हार्ट अटैक की संभावना को भांपकर पहले ही बचा जा सकता है। लेकिन हाल में हुए रिसर्च में ब्लड ग्रुप के हिसाब से हार्ट अटैक की संभावना का पता लगाया है। इस रिसर्च में बताया गया है कि आखिर किस ब्लड ग्रुप के लोगों को हार्ट अटैक का अधिक खतरा होता है। रिसर्च के आधार पर बाकी ब्लड ग्रुप की तुलना में ओ ब्लड ग्रुप वाले लोगों को कम खतरा बताया गया है।
दरअसल, नीदरलैंड के मेडिकल सेंटर ग्रोनिगन यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट और प्रमुख लेखक तीसा कोले के मुताबिक “शोध से पता चलता है कि गैर-ओ ब्लड ग्रुप वाले लोगों में दिल से जुड़े रोगों और दिल का दौरा पड़ने का खतरा 9 फीसदी ज्यादा होता है। इसमें खास तौर से मायोकार्डिल इंफ्रेक्शन शामिल है।”
शोध के निष्कर्षो से पता चलता है कि वॉन विलेब्रैण्ड फैक्टर की ज्यादा मात्रा की वजह से खतरा ज्यादा हो जाता है। विलेब्रैण्ड फैक्टर एक रक्त का थक्का जमाने वाला प्रोटीन है, जो कि थ्रोम्बोटिक प्रक्रिया से जुड़ा हुआ है। ए ब्लड ग्रुप वाले लोगों को ज्यादा कोलेस्ट्रॉल के लिए जाना जाता है, जो कि दिल के दौरे का प्रमुख जोखिम कारक है। शोधकर्ताओं ने कहा कि इसके अलावा, गैर ओ-ब्लड ग्रुप वाले लोगों में गैलेक्टिन-3 की उच्च मात्रा होती है। गैलेक्टिन-3 प्रोटीन सूजन और दिल के मरीजों पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
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वहीं इस शोध को ‘हार्ट फेल्योर 2017’ और चौथे वर्ल्ड कांग्रेस के ‘एक्यूट हार्ट फेल्योर’ में प्रस्तुत किया गया है। इस शोध के लिए दल ने ओ और गैर-ओ ब्लड ग्रुप का एक मेटा विश्लेषण किया। इसमें मायोकार्डियल इंफ्रेक्शन (हार्ट अटैक), कोरोनरी धमनी रोग, हार्ट फेल्योर, कार्डियोवैस्कुलर घटनाओं और कार्डियोवैस्कुलर मृत्युदर का विश्लेषण किया गया। कोले ने सुझाव दिया, ब्लड ग्रुप को दिल के दौरे की रोकथाम, कोलेस्ट्रॉल, उम्र, लिंग और सिस्टोलिक रक्तचाप के खतरों के मूल्यांकन में शामिल किया जाना चाहिए।