डायरिया को दस्त के रूप में भी जाना जाता है यह एक बीमारी है जो आपको सामान्य की तुलना में अधिक शिथिल या अधिक मल पास करती है। यह एक परिणाम हो सकता है, गैस्ट्रोएंटेराइटिस, जिसे पेट का फ्लू भी कहा जाता है। यह माइक्रोबियल संक्रमण के कारण पेट या आंत की सूजन के अलावा कुछ भी नहीं है।

डायरिया(Diarrhoea) पाचन से संबंधित एक बीमारी है जिसमें व्यक्ति को दस्त आना शुरू हो जाते हैं। डायरिया में भी व्यक्ति को लगातार दस्त आते हैं जो यदि ठीक न हो तो डिहाइड्रेशन का कारण बन सकते हैं। डायरिया की बीमारी एक साधारण बीमारी है, लेकिन अगर यह लगातार कई दिनों तक हो जाए तो इससे मौत भी हो सकती है।

कुपोषित लोगों, शिशुओं, छोटे बच्चों, कुपोषित और कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों में इस तरह के खतरनाक संक्रमण का शिकार होने का खतरा अधिक होता है। गर्मी में यह समस्या अधिक इसलिए होती है क्योंकि लोग अधिक जंक फूड्स या ऑयली खाना खाते हैं या फिर रोड साइड वाले ड्रिंक्स पीते हैं। कई लोगों की पाचन शक्ति कमजोर होती है जिसके कारण डायरिया की समस्या हो जाती है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक 5 साल से कम उम्र के बच्चों में डायरिया मौत का दूसरा प्रमुख कारण है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में छपे एक लेख के मुताबिक भारत में 0-6 वर्ष की आयु के बच्चों में कुल डायरिया से होने वाली मौतों का अनुमान 158,209 था और इस आयु वर्ग में डायरिया के कारण आनुपातिक मृत्यु दर 9.1% थी। आइए जानते हैं डायरिया के कारण, लक्षण और निवारण-

डायरिया की बीमारी का कारण

डायरिया की बीमारी होने की सबसे बड़ी वजह एक वायरस है जो आंतों पर बुरा प्रभाव डालता है। इसे वायरल गैस्ट्रो एंड्राइड व आंतों का फ़्लू भी कहा जाता है। यह व्यक्ति पर निर्भर है कि उसको किस कारण से दस्त आ रहा है।

  • गंदगी के कारण
  • इंफेक्शन के कारण
  • रेडिएशन थेरेपी के कारण
  • फूड प्वाइजनिंग के कारण
  • वायरल इंफेक्शन के कारण
  • कुछ खाने से एलर्जी के कारण
  • खाने में बेएहतियाती के कारण
  • किसी दवा के नकारात्मक प्रभाव के कारण

डायरिया रोग के लक्षण

  • बदहजमी होना
  • पेट में दर्द होना
  • पेट में सूजन होना
  • पानी की कमी होना
  • बार बार बुखार आना
  • खूनी मलत्याग होना
  • बहुत ज्यादा दर्द होना
  • बहुत ज्यादा मतली आना

डायरिया की बीमारी का इलाज

डायरिया की बीमारी में शरीर में पानी और नमक की कमी को दूर करने के लिए व्यक्ति को ज्यादा पानी पीने की आवश्यकता होती है। घरेलू इलाज नीमकोल और ओआरएस(ORS, घोल लेने के बावजूद भी अगर पानी की कमी पूरी नहीं हो रही तो ड्रिप लगाने की भी जरूरत पड़ सकती है।

  • फलों में केला खांए।
  • खाने में दही का सेवन करें।
  • सफाई का खास खयाल रखें।
  • उबले हुए पानी का सेवन करें।
  • बर्तनों को धोकर ही इस्तेमाल करें।
  • खाना खाने से पहले हाथों को जरूर धोएं।
  • ताज़े खाने का सेवन करें, बासी खाने से परहेज करें।