Chickenpox चिकन पॉक्स वेरिसेला-ज़ोस्टर वायरस के कारण होने वाली एक बहुत ही संक्रामक बीमारी है। इससे शरीर में छाले या फफोले जैसे दाने, खुजली, थकान तथा बुखार होता है। बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर विवेक गोस्वामी ने खास बातचीत के दौरान Chickenpox के लक्षण इसके उपचार तथा यह संक्रामक बीमारी कैसे फैलती है इसपर अपनी अहम राय दी है।
ऐसे फैलता है Chickenpox:
एक्सपर्ट के मुताबिक यह संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। बच्चों में यह संक्रमण किसी दूसरे संक्रमित बच्चे के छूने, या स्वस्थ बच्चे के सामने खांसने से भी फैलता है। Chickenpox के दानों से निकलने वाले पानी से भी यह बीमारी फैलती है। यह बीमारी मां से बच्चे को भी हो सकती है। एक्सपर्ट के मुताबिक 90 फीसदी मामलों में ऐसा होता है कि यह बीमारी किसी संक्रमित व्यक्ति से ही दूसरे व्यक्ति में फैलती है। एक्सपर्ट के मुताबिक यह बीमारी ओवर क्राउडिंग की वजह से फैलता है। आजकल बच्चे अपेक्षाकृत कम उम्र से ही भीड़भाड़ वाली जगह पर जाना शुरू कर देते हैं। ऐसे में इस बात का खतरा बना रहता है कि इन जगहों पर वो इस संक्रमण के शिकार हो जाएं।
यह हैं लक्षण:
इस संक्रमण के लक्षण में प्रमुख है बुखार आना और शरीर पर धब्बे या दाना आना। इन दानों से पानी भी निकलता है। यह दाना पहले पेट और कमर से शुरू होकर धीरे-धीरे बाजुओं तक फैल जाता है। इस बीमारी में एक बार में कई सारे दाने होते हैं यानी एक दाना अगर सूख जाता है तो फिर आसपास कई सारे दाने हो सकते हैं। यह दाने गुच्छे में होते हैं।
उपचार:
एक्टपर्ट के मुताबिक इस संक्रमण से बचाव के लिए सबसे उपयुक्त तरीका यह है कि इसका टीकाकरण कराया जाए। बच्चे के 15 महीने के होते ही इस टीके की शुरुआत हो जाती है। 15 महीने के बाद बच्चे को यह टीका तीन महीने के बाद लगाया जाता है। यह दो टीके लगाने के बाद इस संक्रमण से पूरी तरह बचा जा सकता है। इस बीमारी के इलाज के दौरान एंटी वायरल मे़डिसिन ओविरैक्स या अन्य दवाइयां दी जाती हैं। लेकिन ज्यादातर मामलों में इन दवाओं को देने की जरूरत भी नहीं होती। उपचार के दौरान पारासिटामोल और एंटी एलर्जिक दवाइयां दी जाती हैं।
इससे धीरे-धीरे बच्चे को इचिंग होना कम हो जाता है और फिर यह संक्रमण खुद-बखुद 10 दिनों के अंदर खत्म हो जाता है। खास ध्यान देने वाली बात यह है कि संक्रमित बच्चे या व्यक्ति को गलती से भी डिसप्रिन की गोलियां नहीं देना चाहिए। यह दिमाग और लीवर पर खतरनाक असर कर सकता है।