कोई भी भारतीय खाना रोटी या चावल, या दोनों के बिना अधूरा है। यह हमारे लंच, डिनर से लेकर नाश्‍ते तक का हिस्‍सा है। हालांकि, सेहत के लिए फिक्रमंद लोग यह पूछते रहे हैं कि दैनिक दिनचर्या में इनको शामिल करने से हमें कितना पोषण मिलता है या इसे रोजाना खाना सेहतमंद है भी या नहीं।

रोटी और चावल, दोनों में कार्बोहाइड्रेट और कै‍लोरी की मात्रा समान रहती है। हालांकि, पोषक तत्‍वों के मामले में रोटी आगे है। रोटी में चावल के मुकाबले ज्‍यादा प्रोटीन और फाइबर है।

चावल आसानी से पच जाता है क्‍योंकि इसमें स्‍टार्च की मात्रा होती है। वहीं, चपाती देर से पचती है। हालांकि, इसकी वजह से आपको देर से भूख लगती है। वजन का ख्‍याल रखने वालों के लिए यह बेहद अहम है।

जहां तक विटामिन की बात है, रोटी और चावल, दोनों में फोलेट मिलता है। यह पानी में घुलनशील विटामिन बी है। हालांकि, फोलेट के लिए चावल रोटी के मुकाबले ज्‍यादा बेहतर स्रोत है।

रोटी में कैल्‍श‍ियम, फॉस्‍फोरस, आयरन और पोटेशियम जैसे मिनरल्‍स मिलते हैं। वहीं, चावल में हमें रोटी जितनी ही आयरन मिलती है। हालांकि, चावल में फॉस्‍फोरस, पोटेशियम और मैग्‍नीशियम की मात्रा रोटी के मुकाबले कम होती है। चावल में कैल्‍श‍ियम नहीं होता।

यानी देखा जाए तो रोटी में चावल के मुकाबले ज्‍यादा फाइबर, प्रोटीन, माइक्रोन्‍यूट्र‍िएंट्स और सोडियम मिलता है। चावल में सोडियम नहीं होता। इसलिए आप अगर अपने खाने में सोडियम के लेवल को लेकर चिंतित हैं तो चावल बेहतर है।

चावल और गेहूं, दोनों में ग्‍लाइसिमिक इंडेक्‍स एक सा होता है। इसका मतलब है कि दोनों को खाने से ब्‍लड शुगर का लेवल एक जितना ही बढ़ता है। यानी अगर आप खाने की मात्रा पर नियंत्रण रखते हैं तो इससे ज्‍यादा फर्क नहीं पड़ता कि आप क्‍या खाते हैं। अगर आप एक रोटी और एक छोटी कटोरी चावल खाते हैं तो यह पूरी तरह से सही है। इसलिए चावल छोड़ने की जरूरत नहीं है। बस चावल की मात्रा नियंत्रित लें।