आज के समय में अनहेल्दी लाइफस्टाइल, तनाव और गलत आदतें युवाओं को भी समय से पहले हार्ट से जुड़ी बीमारियां अपनी चपेट में ला रही हैं। पहले हार्ट अटैक को बुजुर्गों की बीमारी माना जाता था, लेकिन आजकल के कम उम्र में ही लोगों को हार्ट अटैक आ रहा है। अनहेल्दी फूड, धूम्रपान, तनाव, नींद की कमी और फिजिकल एक्टिविटी की कमी इसके प्रमुख कारण माने जाते हैं। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के अनुसार, हर साल दुनिया भर में लगभग 1 करोड़ से अधिक लोग हार्ट अटैक के चलते दुनिया को अलविदा कह देते हैं।

बीएम बिड़ला हार्ट हॉस्पिटल, कार्डियोलॉजिस्ट, डॉ. अनिल मिश्रा के मुताबिक, हार्ट अटैक के शुरुआती संकेत या लक्षण हमेशा क्लियर नहीं होते हैं। कई बार ये लक्षण इतने हल्के और चुपचाप होते हैं कि लोग उन्हें नजरअंदाज कर देते हैं। ऐसे में हार्ट अटैक के शुरुआती संकेतों को सही समय पर पहचानना और तुरंत इलाज करना बेहद जरूरी है। हार्ट अटैक के लक्षणों की पहचान और इलाज ही मरीज की जान बचा सकता है।

छाती में बार-बार बेचैनी

हार्ट अटैक आने से पहले सीने में तेज और असहनीय दर्द हो सकता है। यह बेचैनी हल्की भी हो सकती है, जिसे अक्सर एसिडिटी, मांसपेशियों में खिंचाव या सिर्फ काम का तनाव समझकर नजरअंदाज कर दिया जाता है। आजकल के समय में युवाओं में यह दर्द आता-जाता रह सकता है और शायद दर्द जैसा भी न लगे, बल्कि यह भारीपन, जकड़न या जलन जैसा हो सकता है। हालांकि, ऐसी स्थिति बार-बार होती है तो नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और समय रहते डॉक्टर को दिखाना चाहिए।

थकान से अलग सांस फूलना

युवा सोचते हैं कि सांस फूलना सिर्फ बुजुर्गों या फेफड़े की बीमारी वालों में होता है, लेकिन हल्की एक्टिविटी के बाद या आराम करते वक्त भी सांस फूलना हार्ट की कमजोरी का संकेत हो सकता है। अक्सर यह छाती के दर्द से पहले नजर आता है। 30 की उम्र में बिना किसी कारण के सांस फूलना, खासकर हल्की-फुल्की गतिविधि के बाद या आराम करते समय भी एक खतरे का संकेत हो सकता है।

चक्कर आना
दिल का खून पंप करने की क्षमता कम होने पर शरीर और दिमाग तक पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती। इससे मरीज को बार-बार चक्कर आने, हल्कापन या बेहोशी जैसी स्थिति हो सकती है। अचानक उठने-बैठने या शरीर की स्थिति बदलने पर यह और बढ़ सकता है। इस तरह के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

हार्ट अटैक आने पर तुरंत क्या करें?

हार्ट अटैक आए तो फौरन डॉक्टर से संपर्क करें। हार्ट अटैक एक इमरजेंसी मेडिकल कंडीशन है जिसमें मरीज को तुरंत अस्पताल ले जाने की जरूरत पड़ती है। अक्सर लोग दर्द को नजरअंदाज करके टहलने लगते हैं, पानी पीकर लेट जाते हैं, चुपचाप सहन करते रहते हैं या फिर सीने पर मरहम-तेल लगाने लगते हैं।

हार्ट अटैक जैसी कंडीशन अचानक पैदा होती है और कई बार हॉस्पिटल या डॉक्टर के पास जाने में भी देरी हो सकती है। ऐसे में अगर आपको बेसिक फर्स्ट रिस्पांस और सीपीआर आदि के बारे जानकारी है तो मरीज की काफी मदद हो सकती है। कई बार हार्ट अटैक अचानक कार्डियक अरेस्ट में बदल सकता है, ऐसे में तुरंत चेस्ट कंप्रेशन देकर मरीज की जान तब तक बचाई जा सकती है।

  • अगर आपको लगता है कि किसी को दिल का दौरा पड़ रहा है, तो सबसे पहले मरीज को आराम से बैठने और शांत रहने की सलाह दें।
  • अगर मरीज के कपड़े तंग हैं, तो उन्हें ढीला करें।
  • मरीज से पूछें कि वो कोई सीने में दर्द या हार्ट की दवाई लेते रहे हैं। अगर मरीज हृदय रोग की कोई दवाई खाता है तो उसे खिलाने में मदद करें।
  • अगर मरीज के आराम करने से या फिर दवाई लेने से कुछ मिनट के अंदर दर्द दूर नहीं होता, तो फौरन आपातकालीन चिकित्सा सहायता के लिए कॉल करें।
  • कुछ एक्सपर्ट हार्ट अटैक के दौरान एस्पिरिन लेने की सलाह देते हैं। हालांकि, कुछ लोगों को इस दवा से एलर्जी होती है वो इसका सेवन नहीं करें। अपने डॉक्टर से इस बारे में बात जरूर कर लें।

वहीं, एम्स के पूर्व कंसल्टेंट और साओल हार्ट सेंटर के फाउंडर एंड डायरेक्टर डॉ. बिमल झाजर ने बताया अगर आपका कोलेस्ट्रॉल हाई है तो आप एनिमल फूड्स का सेवन करने से परहेज करें।