क्या आप जब अपने घुटनों को मोड़ते हैं तो चटकने या टूटने जैसी हल्की आवाजें सुनाई देती हैं। यह घुटने के शुरुआती आस्टियोआर्थराइटिस से ग्रसित होने का संकेत है। आस्टियोआर्थराइटिस एक तरह का गठिया रोग है, जिसमें हड्डियों के सिरों पर लचीले ऊतकों की संख्या कम हो जाती है। घुटनों के जोड़ों पर मौजूद कार्टिलेज धीरे-धीरे खत्म हो जाता है।

जैसे ही क्षतिग्रस्त घुटने का जोड़ गति करता है इससे टूटने या चटकने जैसी आवाजें आती हैं, जिसे घुटने की चरचराहट कहते हैं। यह आवाजें घुटने में अक्सर होती हैं और आमतौर पर दर्द नहीं देतीं।

अमेरिका के ह्यूस्टन स्थित बेलोर कॉलेज ऑफ मेडिसिन के सहायक प्रोफेसर ग्रेस लो के अनुसार, “ऐसे लोग जिनमें आस्टियोअर्थराइटिस के लक्षण होते हैं, वे जरूरी नहीं है कि दर्द की शिकायत करें। इन लोगों में दर्द के विकास को रोकने के लिए कोई खास रणनीति नहीं है।”

लो के अनुसार, ऐसे व्यक्ति जिनके घुटनों से आवाजें नहीं आतीं उनकी तुलना में घुटने से आवाज वाले लोगों में दर्द पैदा होने का खतरा ज्यादा होता है। चटकने या टूटने जैसी आवाजों के साथ दर्द का होना एक समस्या की तरफ इशारा है।

जोड़ों में रहता है दर्द तो परेशान न हो

जोड़ों में दर्द की परेशानी से आज न सिर्फ बुजुर्ग ग्रसित हैं बल्कि इस बीमारी से युवा भी परेशान रहते हैं। ऑस्टिओअर्थराइटिस भी जोड़ों में होने वाली एक बीमारी का नाम है। इस बीमारी में हड्डियों के कार्टिलेज डेमेज हो जाते हैं जिससे लोगों को जोड़ों में अकड़न, दर्द और सूजन जैसी परेशानियों का सामना कर पड़ता है। वहीं इस बीमारी का इलाज कराने में लोग काफी पैसा खर्च करते हैं लेकिन फिर भी कई लोगों को कोई राहत नहीं मिलती।

ऐसे में योगा को अपनाकर आप अपनी इस बीमारी से काफी हद तक राहत पा सकते हैं। आइए जानते हैं कुछ योगा आसनों के बारे में जिनसे आप कर सकते हैं अपनी जोड़ो में दर्द की समस्या को दूर।

पर्वत आसन- जोड़ों में दर्द से निजात पाने के लिए यह एक कारगर और उपयोगी आसन है। इस आसन को करना काफी आसन है क्योंकि इसमें सीधे खड़ा होना पड़ता है।

वीरभद्रासन- ऑस्टिओअर्थराइटिस की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए यह भी काफी उपयोगी आसन है।

बंध कोणासन- इस आसन को करना भी काफी आसान है। सबसे पहले जमीन पर बैठ जाएं और अपने पैरों को बिल्कुल आगे की तरफ सीधा रखें। इसके बाद घुटनों को मोड़ते हुए दोनों पैर एक दूसरे से मिला लें।