साल 2022 का आखिरी पूर्ण चंद्रग्रहण (TOTAL ECLIPSE OF THE MOON) आठ नवंबर 2022 को है। यह इस साल का दूसरा चंद्र ग्रहण है। भारत में पिछला चंद्र ग्रहण 19 नवम्बर 2021 को घटित हुआ था, जो आंशिक चंद्र ग्रहण था।

पृथ्वी मंत्रालय ने बताया था कि ”ग्रहण की आंशिक एवं पूर्ण अवस्था का आरम्भ भारत के किसी भी स्थान से दिखाई नहीं देगा क्योंकि यह घटना भारत में चंद्रोदय के पहले ही प्रारम्भ हो चुकी होगी। ग्रहण की पूर्ण अवस्था एवं आंशिक अवस्था दोनों ही का अंत देश के पूर्वी हिस्सों से दिखाई देगा। देश के बाकी हिस्सों से आंशिक अवस्था का केवल अंत ही दिखाई देगा।” अलास्का और हवाई जैसे अमेरिकी राज्यों में लोगों को ग्रहण का हर चरण देखने को मिला।  

अगला चंद्र ग्रहण कब?

नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) के मुताबिक, साल में अधिकतम तीन चंद्र ग्रहण हो सकते हैं। नासा ने बताया है कि आठ नवंबर 2022 के चंद्रग्रहण के बाद अगला पूर्ण चंद्रग्रहण तीन साल बाद मार्च 2025 में होगा। इस अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी का अनुमान है कि 21वीं सदी में कुल 228 चंद्रग्रहण होंगे।

कैसे होता है चंद्र ग्रहण?

चंद्र ग्रहण पूरी तरह वैज्ञानिक प्रक्रिया है। कई अन्य ग्रहों की तरह पृथ्वी और चांद भी सूर्य की परिक्रमा करते हैं। जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा अपनी कक्षा में एक दूसरे के बिल्कुल सीध में आ जाते हैं, तो उसे चंद्र ग्रहण कहा जाता है। आसान भाषा में कहें, तो जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है और तीनों एक दूसरे के सामने सीधी रेखा में होते हैं। सूर्य से रोशनी लेने वाला चांद पृथ्वी के बीच में आ जाने के कारण लाल नजर आने लगता है इसलिए चंद्रग्रहण को ब्लड मून भी कहा जाता है।

क्यों लाल नजर आता है चांद?

जब सूर्य की रोशनी पृथ्वी से टकराने की वजह से छितराकर चांद तक पहुंचती है, तब चांद लाल दिखाई देने लगता है। चांद के लाल दिखने के पीछे परावर्तन का नियम काम करता है, जिसके अनुसार कोई भी वस्तु हमें उसी रंग की दिखाई देती है, जिस रंग की रोशनी वस्तु से टकराती है। चंद्र ग्रहण के केस में सूर्य से सबसे पहले लाल रंग चंद्रमा तक पहुंचता है और वही रोशनी टकरा कर हमारी आंखों तक पहुंचती है, इसलिए चंद्रमा लाल नजर आता है।

अब सवाल उठता है कि लाल रंग ही चंद्रमा तक क्यों पहुंचता है? दरअसल अलग-अलग रंगों की अलग-अलग वेवलेंथ होती है। सबसे लंबी वेवलेंथ लाल रंग होती है इसलिए वह सूर्य से निकल कर सबसे पहले चांद तक पहुंच जाती है। दूसरा सबसे अधिक वेवलेंथ वाला रंग नारंगी और तीसरा पीला होता है।