चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी की 60 छात्राओं का कथित तौर पर नहाते हुए वीडियो बना लिया गया है। इस मामले में एक लड़की और दो लड़कों को गिरफ्तार किया गया है। जांच के लिए पुलिस ने एसआईटी का गठन किया है। इस मामले में सच्चाई से इतर कई तरह की अफवाह फैली रही है। सीएम भगवंत मान ने अफवाहों से बचने की अपील की है।
पुलिस और यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने दावा किया है कि सिर्फ आरोपी लड़की ने अपनी फोटो लड़के को भेजी है। किसी दूसरी लड़की का वीडियो नहीं पाया गया है। इस हंगामे के बाद एक बार फिर खुफिया कैमरों के खतरे की चर्चा होने लगी है। पहले खुफिया कैमरों का खतरा होटल, रेस्टोरेंट और चेंज रूम में होता था। लेकिन अब ऐसी घटनाएं कॉलेज और हॉस्टल में भी होने लगी हैं। ऐसे में इस खतरे से निपटने की तैयारी जरूरी है। आइए जानते हैं कुछ उपाय जिनकी मदद से हिडन कैमरा से बचा जा सकता है:
तलाशी है जरूरी
किसी नए जगह शिफ्ट होने या ठहरने से पहले उस जगह की अच्छी तरह पड़ताल कर लें। किसी दूसरी तकनीक का इस्तेमाल करने से पहले अपनी आंखों और हाथों का इस्तेमाल करें। हिडन कैमरा अब वाईफाई समेत विभिन्न टेक्नोलॉजी से लैस होने लगे हैं। हालांकि कैमरा कैसा भी हो उसमें लेंस जरूरी होता है। ऐसे में लेंस कहां हो सकता है, यही ध्यान में रख कर जगह की पड़ताल करें।
अगर बेडरूम, बाथरूम और चेंजिंंग रूम का कोई गैजेट अपनी जगह से इधर उधर दिखता है तो सतर्क हो जाएं। स्मोक डिटेक्टर, थर्मोस्टैट्स, इलेक्ट्रिकल आउटलेट, टिशू बॉक्स, वॉल सॉकेट, डेस्क प्लांट और वॉल डेकोर की अच्छे से जांच करें। बाथरूम में आईना, टूथब्रश होल्डर, शॉवर, खिड़की, टॉवल होल्डर आदि पर लेंस जैसा कुछ दिखे तो फौरन उसकी शिकायत करें।
अंधेरा कर पकड़ा जा सकता है हिडन कैमरा
अब हिडन कैमरा नाइट मोड के साथ आने लगे हैं। यानी खुफिया कैमरों से अंधेरे में भी रिकॉर्डिंग संभव है। ऐसे में रूम या बाथरूम की बत्ती बुझाकर खतरे को नहीं टाला जा सकता है। लेकिन अंधेरे की मदद से कैमरा को ढूंढा जरूर जा सकता है। खुफिया कैमरा खोजने के लिए सभी लाइट बंद कर पूरी तरह अंधेरा कर दें। इसके बाद जहां भी कैमरा ढूंढना हो, वहां अच्छे से नजर घुमाएं। अगर कहीं कोई लाइट ब्लिंक होती नजर आए तो वहां कैमरा हो सकता है। अगर कोई लाइट आंखों से नजर न आए, तो मोबाइल का कैमरा चालू कर उससे दोबारा चेक करें। अधिकांश कैमरा लेंस से एक लाइट रिफ्लेक्ट होती है, जिसे रोशनी में देखना मुश्किल होता है।
मिरर में हो सकता है कैमरा
मिरर में लगा कैमरा ढूंढना सबसे मुश्किल होता है। मिरर ऐसा होता है, जिसमें खुद को देखा जा सकता है लेकिन दूसरी तरफ से कैमरा भी आपको देखता रहता है। मिरर में कैमरा लगा है या नहीं यह पता करने के लिए एक ट्रिक का इस्तेमाल किया जा सकता है। मिरर पर अपनी एक उंगली रखें। अगर मिरर और उंगली के बीच गैप नजर आता है, तो थोड़ा निश्चिंत हुआ जा सकता है। लेकिन अगर ऐसा न हो तो कैमरा लगे होने की आशंका होती है।
फ्लैश लाइट की मदद से भी मिरर में लगा हिडन कैमरा पकड़ा जा सकता है। इसके लिए भी पहले सभी लाइट्स को बंद कर अंधेरा करना होता है। इसके बाद मोबाइल का फ्लैश लाइट ऑन कर मिरर पर रोशनी करें। अगर कोई लाइट ब्लिंक होती नजर आती है तो जान लीजिए अंदर कैमरा लगा है। हालांकि बदलते टेक्नोलॉजी के साथ कौन ट्रिक कहां फेल हो जाए, कहा नहीं जा सकता।
मोबाइल ऐप की लें मदद
प्ले स्टोर और ऐपल ऐप स्टोर पर मौजूद कई ऐप्स की मदद से भी हिडन कैमरा को खोजा जा सकता है। इसके लिए आपको अपने ऐप स्टोर में ‘Detect Hidden Cameras’ सर्च करना होगा। परिणाम के रूप में कई तरह ऐप्स सामने आएंगे, जिनकी मदद से खुफिया कैमरा खोजा जा सकता है। हालांकि कोई ऐप हमेशा सटीक जानकारी दें यह जरूरी नहीं है।
संदिग्ध चीजों को कर दें कवर
अगर तलाशी के बाद भी कोई हिडन कैमरा नहीं मिलता है। लेकिन कोई वस्तु आपको संदिग्ध लग रहा है, तो किसी मोटे कपड़े से ढक दें। अगर आप किसी हिडन कैमरा ढूंढने में सफल होते हैं, तो तुरंत इसकी जानकारी पुलिस को दें।