Bharat Ratna History and Facts: देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ (Bharat Ratna) की शुरुआत आज ही के दिन साल 1954 में हुई थी। 2 जनवरी 1954 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद (Dr. Rajendra Prasad) ने भारत रत्न की स्थापना की थी। तब से लेकर अब तक 48 लोगों को भारत रत्न से विभूषित किया जा चुका है, जिनमें कई विदेशी शख्सियतें भी शामिल हैं।

किसे मिलता है भारत रत्न?

‘भारत रत्न’ (Bharat Ratna) किसी भी क्षेत्र में अद्वितीय योगदान के लिए प्रदान किया जाता है। किसी शख़्स ने कोई ऐसा कार्य किया हो जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का गौरव बढ़ा हो, से भारत रत्न मिल सकता है। भारत सरकार के गृह मंत्रालय (Home Ministry) के मुताबिक भारत रत्न किसी भी जाति, धर्म, पंथ, संप्रदाय या लिंग से ताल्लुक रखने वाले शख्स को दिया जा सकता है। भारत के अलावा विदेशी नागरिकों को भी यह सम्मान प्रदान किया जा सकता है।

कैसे मिलता है भारत रत्न? (Who is Eligible for Bharat Ratna)

‘भारत रत्न’ देने की सिफारिश स्वयं प्रधानमंत्री करते हैं। पीएम द्वारा सिफारिश राष्ट्रपति के पास भेजी जाती है और राष्ट्रपति सम्मान देते हैं। किसी और औपचारिक अनुशंसा की जरूरत नहीं होती। नाम तय होने के बाद भारत सरकार राजपत्र के जरिए इसकी अधिसूचना जारी करती है। प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को भारत रत्न दिया जाता है। 2 जनवरी 1954 को जब ‘भारत रत्न’ की शुरुआत की गई थी तब सिर्फ जीवित शख्सियतों को यह सम्मान दिया जाता था। साल 1955 में मरणोपरांत सम्मान देने का प्रावधान भी जोड़ा गया।

‘भारत रत्न’ में क्या मिलता है? (What is given in Bharat Ratna award?)

‘भारत रत्न’ (Bharat Ratna) के तहत एक पदक प्रदान किया जाता है। पुरस्कार के साथ कोई धनराशि नहीं मिलती है। जब पहली बार ‘भारत रत्न’ की शुरुआत हुई तो इसका पदक 35 मिलीमीटर गोलाकार स्वर्ण पदक था और इस पर सूर्य बना हुआ था। ऊपर हिंदी में भारत रत्न लिखा रहता था और नीचे की तरफ राष्ट्रीय चिन्ह और वाक्य लिखा होता था।

बाद में भारत रत्न के पदक में बदलाव कर दिया गया। अब तांबे के बने पीपल के पत्ते पर प्लैटिनम का चमकता सूर्य बना दिखाई देता है, पदक का किनारा भी प्लैटिनम का है। पदक पर नीचे की तरफ चांदी में ‘भारत रत्न’ लिखा रहता है। पीछे की तरफ अशोक स्तंभ और इसके नीचे ‘सत्यमेव जयते’ लिखा होता है।

Bharat Ratna History, Bharat Ratna Prize Money, Bharat Ratna Facilities
कुछ ऐसा दिखाई देता है भारत रत्न (Bharat Ratna). सोर्स- Wikimedia Commons

पीएम-राष्ट्रपति जैसा तगड़ा प्रोटोकॉल (Bharat Ratna Holders Facilities)

भारत रत्न से विभूषित शख्सियतों को वारंट ऑफ प्रेसिडेंस (Warrant of Precedence) में जगह मिलती है। इसी के आधार पर किसी सरकारी कार्यक्रम का प्रोटोकॉल तय किया जाता है। भारत रत्न से सम्मानित शख्स देश के लिए वीआईपी होता है, और उसी के आधार पर प्रोटोकॉल मिलता है। भारत रत्न को राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, पूर्व राष्ट्रपति, पूर्व प्रधानमंत्री, देश के मुख्य न्यायाधीश, लोकसभा अध्यक्ष, कैबिनेट मंत्री, मुख्यमंत्री, और संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के नेता के बाद जगह मिलती है।

Bharat Ratna Winners, Bharat Ratna Complete List
भारत रत्न विजेता, अपने नाम के साथ पद की तरह इसका उपयोग नहीं कर सकता है। (सोर्स गृह मंत्रालय)

मुफ्त में यात्रा, राज्य का मेहमान

‘भारत रत्न’ से सम्मानित शख्स को रेलवे से लेकर हवाई जहाज में आजीवन निशुल्क यात्रा की सुविधा मिलती है। ‘भारत रत्न’ से सम्मानित कोई विभूति कहीं यात्रा करता है तो उस राज्य का स्टेट गेस्ट होता है। यात्रा के दौरान रहने से लेकर सुरक्षा तक की तमाम व्यवस्था राज्य को करनी होती है। भारत रत्न से सम्मानित शख़्स के परिवार को भी तमाम सुविधाएं मिलती हैं।

डिप्लोमैटिक पासपोर्ट भी मिलता है

‘भारत रत्न’ से सम्मानित शख्सियत डिप्लोमैटिक पासपोर्ट (Diplomatic Passport) का भी हकदार होता है, जो सिर्फ डिप्लोमैट्स या टॉप सरकारी अधिकारियों को जारी किया जाता है। डिप्लोमैटिक पासपोर्ट के तहत एयरपोर्ट पर अलग इमिग्रेशन काउंटर से लेकर वीआईपी लाउंज ऐसी सुविधाएं होती हैं। सिक्योरिटी चेक में भी छूट मिलती है।