BBC Income Tax Survey: ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (BBC) के दिल्ली और मुंबई स्थित दफ्तरों में आयकर विभाग का सर्वे बुधवार को भी जारी रहा। सर्वेक्षण 14 फरवरी को शुरू हुआ था, जो 14-15 फरवरी की रात को भी चलाया गया था।

आयकर विभाग ने अपनी कार्रवाई को सर्वे कहा, जबकि सोशल मीडिया पर एक वर्ग ने आईटी की कार्रवाई को ‘छापा’ कहकर संबोधित किया। अब सवाल उठता है कि क्या आईटी सर्वे और आईटी रेड एक ही है?

आयकर विभाग द्वारा किए जाने वाले इन दोनों कार्रवाइयों के प्रावधान अलग-अलग होते हैं। आयकर सर्वेक्षण (Survey) और आयकर छापेमारी (Raid) दोनों अलग होते हैं।

आयकर सर्वे क्या है? (What is Income Tax Survey?)

आयकर विभाग का सर्वेक्षण आईटी एक्ट के सेक्शन 133A के तहत आता है। आम तौर पर सर्वे निजी आवास पर नहीं होता। हालांकि अगर बिजनेस से जुड़े दस्तावेज घर पर रखें हैं, तो उस स्थिति में टीम घर का सर्वेक्षण कर सकती है। आयकर का सर्वे अधिकतर दफ्तरों और बिजनेस के मुख्य केंद्र पर ही होता है।

आयकर सर्वेक्षण सिर्फ वर्किंग ऑवर के दौरान ही हो सकता है। इसका मतलब यह नहीं हुआ कि हुआ कंपनी का शिफ्ट खत्म होते ही सर्वे भी खत्म हो जाएगा। सर्वे काम के घंटों के बाद भी जारी रह सकता है। कानून सर्वे के दौरान कुछ भी जब्त करने का अधिकार आयकर विभाग के अधिकारियों के पास नहीं होता है।

साथ ही अधिकारी किसी को पर्सनल सर्च के लिए भी बाध्य नहीं कर सकते। आयकर सर्वे में पुलिस को भी शामिल नहीं किया जा सकता है। आयकर सर्वेक्षण के दौरान आईटी अधिकारी व्यवसाय से जुड़े दफ्तरों में डॉक्यूमेंट्स की जांच करते हैं। नकदी और सूची का सत्यापन करते हैं।

आयकर छापा या रेड क्या है? (What is Income Tax Raid?)

आयकर रेड, आयकर सर्वे से अलग होता है। आईटी रेड संबंधित व्यक्ति के निजी आवास, दफ्तर या उससे जुड़े किसी स्थान पर हो सकता है। यह अघोषित संपत्ति की पुख्ता जानकारी होने के बाद की जाती है। अगर रेड के दौरान कोई अघोषित संपत्ति मिलती है तो अधिकारियों के पास यह पावर होता है कि वह उसे जब्त कर लें।

आयकर रेड आईटी एक्ट के सेक्शन 132 के तहत आता है। आईटी रेड सन राइज के बाद यानी सुबह की शुरुआत के साथ होता है। इसे तब तक जारी रखा जा सकता है, जब तक प्रक्रिया पूरी न हो जाए। संदेह के घेरे में आने वाली सभी चीजों की तलाशी होती है। सभी ताले खोले जा सकते हैं। सर्वे के विपरीत रेड में व्यक्तिगत रूप से तलाशी ली जा सकती है। साथ ही ‘छापेमारी’ के दौरान आयकर विभाग पुलिस को भी इन्वॉल्व कर सकती है।