‘सीआईडी’ वहीदा रहमान की सर्वश्रेष्ठ फिल्मों में से एक मानी जाती है। हालांकि इस बेहतरीन फिल्म पर भी सेंसर बोर्ड की कैंची चली थी। इसके गाने, ‘जाता कहां है दीवाने, सब कुछ यहां है सनम’ वाली लाइन पर सेंसर बोर्ड के लोगों को आपत्ति थी जिसके बाद गाने को फिर से लिखकर रिकॉर्ड करने को कहा गया था। इस बारे में सालों बाद वहीदा रहमान ने बात की थी। अभिनेत्री अनुष्का शर्मा से एक इंटरव्यू के दौरान वहीदा रहमान ने कहा था कि सेंसर बोर्ड वालों के दिमाग में बस गंदगी होती है और वो बस गंदी चीजें ही देखते हैं।

वहीदा रहमान ने एनडीटीवी पर अनुष्का शर्मा से एक इंटरव्यू में कहा था, ‘गाना हमने शूट कर लिया और जब ये सेंसर के लिए गया तो उनका कहना था कि फिफी तो सिमी से प्यार करता है। जाता कहां है दीवाने सब कुछ यहां है सनम, उनको इस बात पर ऐतराज था। उन्होंने कहा कि इसको दोबारा लिखिए, रिकॉर्ड कीजिए फिर शूट कीजिए। सेंसर वालों के दिमाग में बस गंदगी होती है, वो बस बुरी चीजों को ही देखते हैं।’

इसी क्रम में वहीदा रहमान ने फिल्म चौदहवीं का चांद से जुड़ा एक किस्सा भी सुनाया जिसके एक सीन में सेंसर बोर्ड वालों को आपत्ति थी। इस फिल्म के टाइटल सॉन्ग में वहीदा रहमान की आंखें थोड़ी लाल दिख रही थी जिस पर सेंसर बोर्ड ने उसे हटाने को कह दिया था। उनका कहना था कि लाल आंखों में वहीदा रहमान कामुक लग रही हैं।

 

वहीदा रहमान ने बताया था, ‘उन दिनों कलर फिल्म बननी शुरू हुई थी। गुरुदत्त जी ने सोचा कि मैं इसके टाइटल सॉन्ग को कलर में शूट करके लगाऊंगा तो और चलेगी फिल्म। फिर सेंसर वालों ने कहा कि ये सीन काट दीजिए। सीन में मैं लेटी थी। गुरुदत्त जी आकर मेरे कंधे पर हाथ रखते हैं। हमने पूछा कि क्या खराबी है सीन में। तो कहते हैं कि इसमें वहीदा रहमान जी की आंखें बहुत लाल हो गई हैं, बहुत कामुक लग रहा है ये।’

 

वहीदा रहमान की फिल्म गाइड भी सेंसर बोर्ड के पचड़े में पड़ गई थी। इस फिल्म के एक सीन की वजह से सेंसर बोर्ड ने इसकी रिलीज़ पर रोक लगा दी थी। तब फिल्म के एक्टर देव आनंद ने तत्कालीन सुचना एवं प्रसारण मंत्री इंदिरा गांधी से मदद मांगी थी। इंदिरा गांधी के दखल के बाद यह फिल्म रिलीज़ हो पाई थी।