कभी नारायण… नारायण… कर नाराद मुनी बने तो कभी महाभारत के ‘शकुनि मामा’ और मौका मिला तो विलेन बन फिल्मों की एक्ट्रेसेस पर की ज्यादती। हम बात कर रहे हैं हर किरदार को जीवंत बनाने वाले एक्टर जीवन की। कम लोग ही जानते हैं कि हिंदी सिनेमा के अव्वल दर्जे के खलनायक का असली नाम ओंकार नाथ धर था। 60-70 के दशक में जीवन हिंदी फिल्मों में खलनायकों के सरताज कहे जाते थे। उन्होंने फिल्मों में न जाने कितनी एक्ट्रेस को सताया है लेकिन एक एक्ट्रेस के साथ रेप सीन के दौरान वह खुद परेशान हो गए थे, उनके पसीने छूटने लगे थे। चलिए बताते हैं आखिर क्या था पूरा मामला।

दरअसल यह वाकया साल 1938 में रिलीज हुई फिल्म जमाना की शूटिंग के दौरान का है। इस फिल्म के डायरेक्टर राम दरयानी थे और एक्ट्रेस पद्मादेवी थीं। इस फिल्म में जीवन खलनायक का किरदार निभा रहे थे। फिल्म में एक रेप सीन भी था जो पद्मादेवनी और जीवन को लेकर फिल्माया जाना था।

सीन शूट होने से पहले डायरेक्टर राम दरयानी ने जीवन से कहा कि वह अपनी खलनायकी के सारे जौहर इस सीन में दिखा दें और यह सीन बिल्कुल रियल दिखना चाहिए। जीवन ने जवाब में राम से कहा कि वह तो इस सीन में अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ेंगे लेकिन आप एक बार एक्ट्रेस पद्मादेवी से इस बारे में बात कर लें। पद्मा ने भी जवाब में कहा कि उन्हें इस सीन से कोई परेशानी नहीं है जीवन अपनी तरफ से पूरी कोशिश करें।

यहां सुनें यह रोचक किस्सा-

जब यह सीन शूट किया जा रहा था तो जीवन काफी परेशान हो गए। यह सीन करते हुए उनके पसीने छूट गए क्योंकि पद्मा इस सीन को करते हुए इतनी सहज थीं मानों अपने ब्वॉयफ्रेंड के साथ रोमांस कर रही हों। इसी वजह से यह रेप सीन फिल्माने के लिए 10 रीटेक भी लेने पड़े लेकिन एक्ट्रेस पद्मादेवी की सहजता सब खराब कर रही थी। आखिर में जीवन के ही कुछ क्लोजअप शॉट्स को लेकर यह सीन पूरा किया गया था।